एडोब रिपोर्ट: भारतीयों को इंसानों से ज्यादा एआई से बात करना पसंद, AI उपकरणों पर ज्यादा भरोसा

दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले 57 प्रतिशत भारतीय उपभोक्ता इन्सानों से ज्यादा एआई से बातचीत करना पसंद करते हैं। उन्हें नए उत्पादों और सेवाओं के बारे में जानकारी के लिए एआई उपकरणों पर भरोसा है। इसका वैश्विक और एशिया पेसिफिक अनुमान क्रमशः 39 और 48 प्रतिशत है। इनमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इनेबल्ड टूल जैसे कि चैट जीबीटी, चैटबॉट आदि शामिल हैं।
सॉफ्टवेयर कंपनी एडोब द्वारा किए गए एक सर्वे में इसका खुलासा हुआ है। ‘स्टेट ऑफ डिजिटल कस्टमर एक्सपीरियंस’ के सर्वे में भारतीय उपभोक्ताओं के उत्पाद से संबंधित निर्णय कस्टमर सपोर्ट, रिटर्न व कैंसिलेशन आदि से जुड़े सवाल पूछे गए। इनमें से करीब 39 प्रतिशत उपभोक्ता इंसान व एआई चैटबॉट दोनों से बातचीत करना पसंद है। खासतौर पर जब उन्हें कोई नए उत्पाद या सर्विस के बारे में जानकारी प्राप्त करना हो। एडोब इंडिया की मार्केटिंग डायरेक्टर अनिंदिता वेलुरी ने कहा, जनरेटिव एआई में प्रगति उपभोक्ताओं के लिए पहले से ही परिवर्तनकारी रही है। अब वे उम्मीद करते हैं कि ब्रांड भी बेहतर व व्यक्तिगत अनुभवों के लिए तकनीक को अपनाएंगे।
यूरोप और अमेरिका में ब्रांडों के पास पहले से ही एआई बजट
यूरोप और अमेरिका में ब्रांडों के पास पहले से ही एआई बजट और आंतरिक उपयोग नीतियां होने की संभावना दोगुनी है। वैश्विक स्तर पर 18 प्रतिशत की तुलना में केवल 15 प्रतिशत सीएक्स (कंज्यूमर एक्सपीरियंस) पहल को बढ़ाने के लिए जेनेरिक एआई का लाभ उठा रहे हैं। लगभग 59 प्रतिशत भारतीय ऐसे ब्रांड से खरीदारी करना बंद कर देंगे, जो उनकी व्यक्तिगत जानकारी के बारे में पारदर्शी नहीं है। हालांकि, 41 प्रतिशत भारतीय ब्रांड आज सीएक्स को व्यावसायिक प्राथमिकता के रूप में देख रहे हैं।
भारतीय उपभोक्ता डाटा के लिए चिंतित
एडोब की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारतीय उपभोक्ता अपने निजी डेटा के जिम्मेदार और नैतिक उपयोग को लेकर सबसे अधिक चिंतित हैं। इसमें कहा गया है कि अगले 12 महीनों में 53 प्रतिशत भारतीय ब्रांड अपनी जेन-एआई क्षमताओं में सुधार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जबकि, 76 प्रतिशत के पास पहले से ही अनुभव वितरण का समर्थन करने के लिए जेन-एआई विकल्प है।