कानपुर में बड़ा रेल हादसा टला चलती ट्रेन के कोच हुए बेपटरी, मची अफरा-तफरी

कानपुर में शुक्रवार को एक बड़ा रेल हादसा टल गया. मुजफ्फरपुर-साबरमती जनसाधारण एक्सप्रेस की दो बोगियां पटरी से उतर गईं. घटना कानपुर-टुंडला सेक्शन के भाऊपुर यार्ड में आज शाम के समय हुई. उत्तर-मध्य रेलवे GM से जानकारी के अनुसार, ट्रेन की 6वीं और 7वीं बोगी पटरी से उतरी. हालांकि कोई हताहत नहीं हुआ, सभी यात्री सुरक्षित हैं. रेलवे ट्रैक की बहाली का कार्य तेजी से जारी. कानपुर के रेलवे अधिकारी मौके पर मौजूद हैं. GM और DRM भी घटनास्थल के लिए रवाना हो चुके हैं. रेलवे ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है. शुक्रवार शाम को एक बड़ा रेल हादसा टल गया. मुजफ्फरपुर से साबरमती जा रही 15269 साबरमती जनसाधारण एक्सप्रेस के दो कोच भाऊपुर स्टेशन के निकट पटरी से उतर गए
घटना में कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ. हालांकि कुछ यात्रियों को मामूली चोटें आई हैं. ट्रेन उस समय पनकी से भाऊपुर स्टेशन की तरफ जा रही थी, जो कानपुर देहात में लगता है. नॉर्थ सेंट्रल रेलवे के अधिकारियों अनुसार, ट्रेन उस समय लूप लाइन पर जा रही थी और उसकी गति धीमी थी, जिससे बड़ा हादसा टल गया. हादसा शुक्रवार शाम के समय हुआ, जब कानपुर सेंट्रल से रवाना हुई ट्रेन भाऊपुर स्टेशन के यार्ड में पहुंची. इसी दौरान इंजन से छठा और सातवां कोच अचानक पटरी से उतर गया.
घटना के तुरंत बाद स्टेशन पर अफरा-तफरी मच गई. यात्रियों में चीख-पुकार मच गई और कुछ यात्रियों को हल्की-फुल्की चोटें आईं हैं, जो ट्रेन के झटके की वजह से आई. मौके पर तुरंत रेलवे के अधिकारी पहुंच गए और राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया गया. कोचों को जैक की सहायता से दोबारा ट्रैक पर लाने का कार्य जारी है. रेलवे ने घटना के बाद यात्रियों की जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं. हादसे में कोई यात्री गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ है. रेल प्रशासन ने यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की बात कही है और घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं
हादसे के चलते 3 ट्रेनों के रूट बदल दिए गए 22307 हावड़ा-बीकानेर एक्सप्रेस को कानपुर से झांसी, आगरा होते हुए बीकानेर भेजा गया. 12505 कामाख्या आनंद विहार टर्मिनल एक्सप्रेस को कानपुर वापस लाकर लखनऊ, मुरादाबाद और गाजियाबाद होते हुए आनंद विहार रवाना किया गया. 12003 लखनऊ-नई दिल्ली शताब्दी एक्सप्रेस को उन्नाव से वापस लखनऊ लाकर मुरादाबाद और गाजियाबाद के रास्ते नई दिल्ली भेजा गया.
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