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हिमांचल

केंद्रीय शिक्षा मंत्री सितंबर में आएंगे हिमाचल, विभिन्न शैक्षणिक गतिविधियों का करेंगे अवलोकन

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान सितंबर माह में हिमाचल आएंगे। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने नई दिल्ली में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से भेंट कर उनको हिमाचल आने का न्योता दिया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धमेंद्र प्रधान ने शिक्षा मंत्री का न्योता स्वीकार किया। केंद्रीय मंत्री का सितंबर माह में हिमाचल का दौरा करने का कार्यक्रम है। वे इस दौरान हिमाचल में चल रही विभिन्न शैक्षणिक गतिविधियों का अवलोकन करेंगे।

शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने  राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में केंद्र सरकार से अधिक से अधिक सहयोग मांगा।  उन्होंने हिमाचल प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों और क्षेत्रीय विषमताओं को ध्यान में रखते हुए कई अहम मांगें उठाईं। इस दौरान शिक्षा मंत्री के साथ समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा  और उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत शर्मा भी मौजूद रहे। इस दौरान उच्च शिक्षा विभाग, भारत सरकार के सचिव एवं यूजीसी के कार्यवाहक अध्यक्ष विनीत जोशी,  केंद्रीय स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव संजय कुमार सहित अन्य उच्च अधिकारी भी उपस्थित रहे।

शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से उतरी राज्यों के लिए हिमाचल में रीजनल इंस्टीट्यूट आफ एजुकेशन ( RIE)  स्थापित करने की मांग की। शिक्षा मंत्री ने राज्य की भौगोलिक विषमताओं को देखते हुए हिमाचल में और केंद्रीय विद्यालय खोलने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि पहाड़ी और दूरस्थ क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय विद्यालयों की संख्या बढ़ाना आवश्यक है। इससे ग्रामीण और  दूरदराज क्षेत्रों के छात्रों को आधुनिक एवं समग्र शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। 

शिक्षा मंत्री ने मिड डे मील योजना में कार्यरत वर्करों और सहायकों के मानदेय में बढ़ोतरी की मांग भी रखी।  वर्तमान में हिमाचल अपने फंड से इनको अतिरिक्त मानदेय दे रहा है। इसके साथ ही उन्होंने स्कूली पोषण योजना के तहत अधिक बजटीय आवंटन की जरूरत पर बल दिया। इससे स्कूली बच्चों को बेहतर और पौष्टिक भोजन भी मिल सकेगा, जिससे पोषण स्तर में सुधार होगा।

शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने हिमाचल के जनजातीय और अकांक्षी जिला में छात्रों के लिए हॉस्टल स्थापित करने का मामला भी केंद्रीय मंत्री के सामने रखा। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए  हॉस्टल की अधिक से अधिक जरूरत है। केंद्र सरकार की मदद से छात्रावास निर्माण से विद्यार्थियों को सुरक्षित, सुविधा सम्पन्न आवासीय वातावरण मिलेगा, जिससे उनकी शिक्षा में निरंतरता और परिणामों में सुधार होगा।

शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने नई दिल्ली में उच्च शिक्षा विभाग, भारत सरकार के सचिव एवं यूजीसी के कार्यवाहक अध्यक्ष विनीत जोशी से भी मुलाकात की। इस अवसर पर उन्होंने राज्य के लिए उच्च शिक्षा के क्षेत्र में आवश्यक प्रस्तावों को लेकर एक औपचारिक पत्र सौंपा। बैठक के दौरान रोहित ठाकुर ने राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों और ग्रामीण व पिछड़े क्षेत्रों में अधिक संख्या में कॉलेजों को सुदृढ़ कर समावेशी और समान शिक्षा विकास को बढ़ावा दिया जा सकता है। उन्होंने अनुरोध किया कि केंद्र सरकार की ‘रूसा/पीएम-उषा’ योजना के अंतर्गत प्रस्तावित परियोजना अनुमोदन बोर्ड (PAB) बैठक में हिमाचल प्रदेश की दो महत्त्वपूर्ण मांगों पर विचार किया जाए। पहली मांग के अंतर्गत कम से कम 20 अतिरिक्त कॉलेजों को “कॉलेजों के सशक्तिकरण” घटक में शामिल कर उनके लिए ग्रांट प्रदान की जाए। दूसरी मांग के तहत “लैंगिक समावेशन एवं समानता पहल” घटक के अंतर्गत शिमला एवं मंडी जिलों को शामिल करने का अनुरोध किया गया।

इसके अतिरिक्त, उन्होंने अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के लिए केंद्र प्रायोजित पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश के लिए वित्तीय सहायता के फंडिंग पैटर्न में परिवर्तन का भी आग्रह किया। शिक्षा मंत्री ने कहा कि  वर्तमान  की 60:40 (केंद्र:राज्य) फंडिंग व्यवस्था को बदलकर हिमालयी राज्यों की तर्ज पर 90:10 (केंद्र:राज्य) किया जाए, जिससे राज्य के छात्रों को अधिक लाभ मिल सके। शिक्षा मंत्री आशा व्यक्त की कि इससे राज्य में उच्च शिक्षा का स्तर और पहुंच दोनों में सकारात्मक सुधार आएगा।

शिक्षा मंत्री ने इस अवसर पर केंद्रीय स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव संजय कुमार, संयुक्त सचिव  अर्चना अवस्थी, संयुक्त सचिव प्राची पांडे  और उप सचिव लिंगराज पांडा से भी मुलाकात की और स्कूल शिक्षा से जुड़े मसलों पर विस्तृत चर्चा की। शिक्षा मंत्री ने विश्व बैंक द्वारा पोषित स्टार्स (Strengthening Teaching Learning and Results for States) परियोजना की लंबित राशि को शीघ्र जारी करने और इस परियोजना के विस्तार का आग्रह किया। यह परियोजना शिक्षण अधिगम की गुणवत्ता सुधारने, दक्षता आधारित मूल्यांकन और डिजिटल संसाधनों को बढ़ावा देने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। शिक्षा मंत्री ने  रोहित ठाकुर ने हिमाचल को केंद्र की उल्लास (Understanding Lifelong Learning for All in Society) योजना के तहत ‘साक्षर राज्य’ घोषित करने का आग्रह किया।

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