UP: बर्खास्त सैन्यकर्मी के खातों में सीमा क्षेत्र से आए 1.82 करोड़, सामने आया बड़ा खेल, पूछताछ में कबूला

आलमबाग स्थित सेना के रिजर्व सप्लाई डिपो में तैनात रहे (अब बर्खास्त) स्टोर हैंडलर प्रिंस कुमार सिंह का बड़ा खेल उजागर हुआ है। उसके 12 बैंक खातों में 1.82 करोड़ रुपये आए हैं। ये रकम भारत की सीमा से सटे इलाकों से भेजी गई।
आरोपी के देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने की आशंका जताई गई है। मामले में कमांडिंग ऑफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल मिथलेश यादव ने आलमबाग थाने में केस दर्ज कराया है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
एफआईआर के मुताबिक 29 सितंबर, 2019 से प्रिंस रिजर्व सप्लाई डिपो में पोस्ट हुआ था। अप्रैल 2022 में उसने अपना, पत्नी व बच्चों के लिए बंगलूरू का एयर टिकट बुक किया था। इसमें उसने ले. कर्नल मिथलेश की आईडी का इस्तेमाल किया, जबकि ई-मेल आईडी व मोबाइल नंबर अपना दिया। उसने ले. कर्नल बनकर यात्रा भी की।
इसकी जानकारी हुई तो विभागीय जांच में पूरे साक्ष्य सामने आए। कई स्क्रीनशॉट भी मिले। जांच के दौरान पूछताछ में उसने फर्जीवाड़ा स्वीकार करते हुए बताया कि बेटे के इलाज के लिए बंगलूरू गया था। जांच में उसके 12 बैंक खातों का पता चला। इसमें 1.82 करोड़ रुपये सीमा से सटे इलाकों से भेजी गई। इस संदिग्ध लेनदेन को लेकर एफआईआर दर्ज करा जांच की मांग की गई है।
साली की नौकरी लगवाने के लिए भी प्रिंस ने किया था फर्जीवाड़ा
प्रिंस कुमार सिंह के खिलाफ हुई विभागीय जांच में पता चला है कि व अपनी साली वंदना सिंह की नियुक्ति मिलिट्री कॉर्प में कराना चाहता था। इसके लिए उसने तमाम फर्जी दस्तावेज भी तैयार किए थे। इसके सभी सुबूत भी मिले। सीमा क्षेत्र से उसके बैंक खातों के आई रकम का केस दर्ज कराते हुए पुलिस को ये सुबूत भी सौंपे गए हैं।
आरोपी प्रिंस के खिलाफ कोर्ट ऑफ इंक्वायरी भी हुई। इसमें वह यह नहीं बता सका कि 12 बैंक खातों में जो रकम आई है, वह किसने और क्यों भेजी। कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के बाद प्रिंस को 19 दिसंबर, 2023 को बर्खास्त कर दिया गया। आलमबाग के इंस्पेक्टर शिवशंकर महादेवन ने बताया कि मामले में धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज तैयार कर इस्तेमाल करने व आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। विवेचना में जो साक्ष्य सामने आएंगे उस आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
सिपाही के पास मिली बांग्लादेशी करेंसी, ससुर के खाते में आए रियाल
सेना से बर्खास्त सिपाही प्रिंस कुमार सिंह के पास से 10 टका बांग्लादेशी करेंसी मिली है। वहीं उसके पास से बरामद लैपटॉप की सी ड्राइव में एक इमेज मिली, जो एक्सप्रेस मनी ट्रांसफर की है। इससे पता चलता है कि 9 नवंबर 2019 को बांग्लादेशी एमएम हुसैन ने आरोपी के ससुर शंभू सिंह के खाते में कतर के 1052 रियाल भेजे थे। आरोपी ने बैंक से 29 लोन लिए हैं। इससे संबंधित नोटिस भी बैंक की तरफ से भेजा गया है। ये भी जांच का विषय है कि आखिर उसने इतने लोन क्यों लिए?
सेना के बर्खास्त सिपाही प्रिंस कुमार सिंह के जिन 12 खातों में रकम आई है उसमें कई खाते उसकी पत्नी के भी हैं। कुछ खातों में दोनों साझेदार हैं। एफआईआर के मुताबिक नेपाल बार्डर से सटे गोपालगंज निवासी राज कुमार व सत्यम ने दो बार में 6 लाख 95 हजार रुपये प्रिंस के खाते में भेजे। 18 मई 2021 व 18 जून 2022 को गोपालगंज के ही कृष्ण मुरारी पांडेय नाम के शख्स के खाते से एक-एक लाख रुपये प्रिंस के खाते में भेजे गए। जब इस बारे में पूछताछ की गई तो प्रिंस ने कहा कि वह इनमें से किसी को नहीं जानता। विभागीय जांच के दौरान पिछले तीन साल के दौरान उसके बैंक खातों के लेनदेन को खंगाला गया। खातों में 5000 व 4000 के अधिक ट्रांजेक्शन हैं। इसके अलावा छोटी रकम भी जमा हुई हैं। रकम भेजने वालों से प्रिंस की कोई जान-पहचान नहीं पाई गई।
खुद को ले. जनरल बता भेजे थे ईमेल
विभागीय जांच के दौरान जब आरोपी से पूछताछ की जा रही थी तब अफसरों ने उसका मोबाइल कब्जे में लिया था। इसमें तीन ईमेल के स्क्रीनशॉट मिले। उसने खुद को ले. जनरल प्रिंस कुमार सिंह बताते हुए डायरेक्टर जनरल ऑफ सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट को फर्जी ईमेल भेजा था। मोबाइल चेकिंग के दौरान ही वह वहां से बहाना बनाकर बाहर निकला और फिर भाग गया था।
लैपटॉप बरामद, तीन ड्राइव लॉक
आरोपी प्रिंस के पास एक चाइनीज लैपटॉप बरामद हुआ है। बोर्ड ऑफ ऑफिसर्स ने लैपटॉप को चेक किया। लैपटॉप में चार ड्राइव सी, डी, ई और एफ मिलीं। इसमें से केवल सी ड्राइव खुल सकी। अन्य तीनों ड्राइव लॉक पाई गईं। सी ड्राइव में तमाम दस्तावेज व फोटो मिलीं। जब इस बारे में उससे पूछताछ की गई तो उसका कहना था कि ये लैपटॉप उसका नहीं है, बल्कि साली वंदना का है।
ट्रैवेल हिस्ट्री भी खंगाली
विभागीय जांच के दौरान प्रिंस की ट्रैवेल हिस्ट्री खंगाली। इससे पता चला कि उसने दिल्ली, रांची, पुरी, ओडिशा, कोलकाता, बंगलूरू, गोपालगंज, वाराणसी समेत कई जगहों की फ्लाइट व ट्रेन के जरिये यात्रा की। यात्रा के लिए टिकट-उड़ चलो, मेक माई ट्रिप व आईआरसीटीसी एप से बुक किए गए। आईआरसीटीसी का अकाउंट खोला नहीं जा सका।