कानपुर नगर निगम में चल रहा है कुर्सी से चिपकने का खेल…

कानपुर नगर निगम में चल रहा है कुर्सी से चिपकने का खेल… पर अवनीश गैंग जैसे लोगों के संरक्षक बने भारत समाचार चैनल के न तो मालिक ब्रजेश मिश्रा को यह खेल दिखाई दे रहा है… न स्टेट हेड वीरेंद्र सिंह को…
उन्हें तो एमएसएमई के ट्रांसफर के लिए छटपटा रहे अफसरों का दर्द दिखता है… उसके लिए वह योगी सरकार के मंत्रियों पर भी आरोप लगाने से नहीं चूकते..
खैर आज का मुद्दा है कानपुर नगर निगम का . आपको बताते हैं इस खेल के बारे में…सबसे पहले मुख्य लेखाधिकारी के कार्यालय की कहानी… यहां वरिष्ठ लिपिक की कुर्सी पर सालों से संजय बाजपाई जमे हुए हैं… छह साल से यानी तीसरे नगर आयुक्त के आ जाने के बाद भी भाई साहब की कुर्सी कोई डिगा नहीं पाया।
अधिकारी सुस्त और बाबू मस्त की नीति के ही तहत लेखा विभाग के अधिकारी खूब जमकर खेल खेल रहे हैं…. दूसरा उदाहरण हैं फंड विभाग के बाबू केके श्रीवास्तव का। पांच साल से भी ज्यादा समय से फेवीकोल लगा कर कुर्सी से चिपके फंड बाबू भी चिपकूपन की मिसाल बने बैठे हैं।
अब देखना यह है कि शिवशरणप्पा जी एन के जाने के बाद आए नये नगर आयुक्त सुधीर कुमार क्या इस तिलिस्म को तोड़ पाएंगे या फिर वह भी हिस्सा बन जायेंगे कुर्सी से चिपको खेल का..