इस बजट से कितनी ताकतवर होगी मोदी सरकार, 10 लाख आमदनी है तो पुरानी और नई टैक्स रिजिम में कितना टैक्स भरना पड़ेगा?

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने 5वें और देश के 75वें बजट में कई बड़े एलान किए। गरीब से लेकर मध्यम वर्ग तक का इस बजट में खास ख्याल रखा गया। अपने एक घंटे 27 मिनट के भाषण में वित्त मंत्री ने पूरे देश को यह भरोसा दिलाने की कोशिश की है कि अब तक सबकुछ सही रहा और अब आने वाले दिनों में भी विकास की नई इबारत लिखी जाएगी।
उन्होंने यह भी बता दिया कि कोरोनाकाल और रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते पूरी दुनिया में आर्थिक संकट की स्थिति है। इसके बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है। भारत की विकास दर अन्य सभी देशों से अच्छी है और ये आगे भी कायम रहेगी।
लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार ने अपने आखिरी पूर्ण बजट में हर वर्ग को साधने की कोशिश की है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर इस बजट के मायने क्या हैं? इससे केंद्र सरकार की उम्मीदें कितनी मजबूत होगी? क्या इसका असर आने वाले चुनाव में भी देखने को मिलेगा?
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2023-24 में नई टैक्स रिजिम के तहत सात लाख रुपये तक की आय को आयकर के दायरे से बाहर करने की घोषणा की है। पुरानी टैक्स रिजिम के तहत 2.5 लाख रुपये तक की आमदनी टैक्स फ्री होती थी। हालांकि पुरानी टैक्स रिजिम में स्टैंडर्ड डिडक्शन और अन्य मदों में कई तरह के छूट का प्रावधान है। नई टैक्स रिजिम में ये लाभ नहीं दिए जाते थे। इस बार नई टैक्स प्रणाली में स्टैंडर्ड डिडक्शन को भी शामिल कर लिया गया है। ऐसे में वित्तमंत्री की घोषणा के बाद लोगों में इस बात पर चर्चा होने लगी है कि पुराने और नए टैक्स सिस्टम में कौन सा सिस्टम करदाताओं के लिए फायदेमंद है। आइए जानते हैं दोनों टैक्स रिजिम के तहत कितनी राशि पर कितना टैक्स भरना पड़ेगा।
नई टैक्स प्रणाली के तहत भी वित्त मंत्री ने 52250 रुपये के टैक्स डिडक्शन की घोषणा की है। अगर आपकी आमदनी सात लाख रुपये सालाना है तो नई टैक्स प्रणाली के तहत आपको 52250 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा। ऐसे में आपकी आमदनी 7 लाख रुपये से कम हो जाएगी। सात लाख रुपये की आमदनी को सरकार ने टैक्स फ्री घोषित कर दिया है। इसका मतलब यह हुआ कि अगर किसी की आमदनी 752500 रुपये तक है तो करदाता को कोई टैक्स नहीं भरना पड़ेगा। नई टैक्स प्रणाली में करदाता की आमदनी अगर 10 लाख रुपये सालाना है तो 52500 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन के बाद आयकर की गणना 9,47,500 रुपये पर की जाएगी। इस तरह करदाता को निम्न रूप से आयकर देय होगा
नई कर व्यवस्था कैसी होगी?
आय | टैक्स रेट |
0-3 लाख | कोई टैक्स नहीं |
3 से 6 लाख | 5% |
6 से 9 लाख | 10% |
9 से 12 लाख | 15% |
12 से 15 लाख | 20% |
15 लाख से अधिक | 30% |