दिल्ली की महिला और लखनऊ में तैनात सिपाही, क्या हैं अतीक-अशरफ हत्याकांड से कनेक्शन?

हमलावरों ने जिस एनसीआर न्यूज पोर्टल की आईडी का उपयोग किया था, उसके लिए तीन दिन पहले ही रिपोर्टर की भर्तियां शुरू होने की जानकारी मिली थी। अतीक और अशरफ की 13 अप्रैल को रिमांड से पहले एनसीआर न्यूज पोर्टल संचालकों ने प्रयागराज के कई छुटभैया पोर्टलों से जुड़े युवकों से संपर्क साधा था।
फोन करने-कराने वालों में दिल्ली की एक महिला और लखनऊ में तैनात सिपाही शामिल होने की जानकारी सामने आई है। पुलिस जल्द ही इन दोनों से पूछताछ कर सकती है। हालांकि महिला का फोन बंद आ रहा है।
आपको बता दें कि 24 फरवरी को हुए उमेश पाल हत्याकांड में साजिश की बाबत पूछताछ के लिए माफिया अतीक को अहमदाबाद की साबरमती जेल से और अशरफ को बरेली जेल से लाने के लिए पुलिस की अलग-अलग टीमें 12 अप्रैल को रवाना हुई थीं।
पोर्टल संचालकों ने 11 अप्रैल को शहर के युवाओं से संपर्क साधा
13 अप्रैल को कोर्ट में पेशी हुई और रिमांड मंजूर हो गई। इसके पहले ही एक खेल चालू था, इस खेल से हर कोई बेखबर था। यह खेल था, एनसीआर न्यूज पोर्टल में भर्ती करने का। पोर्टल संचालकों ने 11 अप्रैल को प्रयागराज के कई ऐसे युवकों से संपर्क साधा, जो छोटे पोर्टल में कार्य कर रहे हैं।
सिपाही ने एनसीआर न्यूज पोर्टल से जुड़ने के लिए कहा
यह वो लोग हैं, जो पैसा कम मिलने की वजह से एक साथ कई पोर्टल में काम करके अपना खर्चा निकालने के लिए आतुर रहते हैं। इनमें से एक युवक को लखनऊ में तैनात एक सिपाही ने फोन किया था। उसने एनसीआर न्यूज पोर्टल से जुड़ने के लिए कहा था। उसी ने एक महिला का फोन नंबर भी दिया, जो दिल्ली की रहने वाली बताई जाती है।
ट्रायल के लिए मांगे गए थे वीडियो
एनसीआर न्यूज पोर्टल से जुड़ी महिला और सिपाही से बात के बाद युवकों से कुछ आपराधिक घटनाओं और कार्यक्रमों के वीडियो भी ट्रायल के बतौर मंगाए गए। एक युवक ने 12 अप्रैल को एक कार्यक्रम की कवरेज करके उसका वीडियो महिला को भेजा, लेकिन यह चलाया नहीं गया।
पूछने पर महिला ने कहा कि पहले माइक आईडी पकड़ने, एक निश्चित दूरी बनाकर सवाल पूछने और कैमरा चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। सेक्योरिटी मनी के बतौर कुछ पैसा भी जमा करना होगा। इसके बाद ही उनकी वीडियो पोर्टल पर चलाई जाएगी। इसका लिंक भी दिया जाएगा।
crossorigin="anonymous">पोर्टल से जोड़ने वाली महिला का मोबाइल घटना के बाद बंद
इस बीच, 15 अप्रैल की रात 10:37 बजे कॉल्विन अस्पताल के गेट पर एनसीआर न्यूज की माइक आईडी के साथ शूटर लवलेश तिवारी, सनी और अरुण मौर्य विदेशी पिस्टल से ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर अतीक-अशरफ को मौत की नींद सुला रहे थे, तब ऑफर पाने वाले युवक भी वहां कुछ देर बाद पहुंच गए। जब उन्होंने एनसीआर न्यूज की माइक आईडी पड़ी देखी तो उनके होश फाख्ता हो गए।
हत्याकांड से चार दिन पहले जो महिला न्यूज पोर्टल से जुड़ने के लिए युवकों से लगातार संपर्क कर रही थी, उसके फोन अब नहीं उठ रहे। बृहस्पतिवार की शाम पोर्टल के भर्ती आवेदन पत्र पर दिए गए दोनों मोबाइल नंबर पर कई बार फोन किया गया, लेकिन कॉल रिसीव नहीं की गई।
घात लगाकर खड़े थे एनसीआर न्यूज का माइक लिए शूटर
माफिया अतीक-अशरफ के कॉल्विन हॉस्पिटल के अंदर दाखिल होते वक्त पांच लोकप्रिय चैनलों के प्रतिनिधि कैमरे लेकर खड़े बताए जाते हैं। सभी लोकप्रिय चैनलों से जुड़े हैं। हत्याकांड के चंद मिनट पहले ही एनसीआर न्यूज आईडी और कैमरा लेकर तीनों शूटर भी अस्पताल गेट के पास निश्चित दूरी बनाकर खड़े हो गए।
इस बीच, असली मीडियाकर्मियों ने अतीक-अशरफ से असद के जनाजे में शामिल न होने की वजहों पर सवाल शुरू कर दिए। हत्याकांड के वायरल वीडियो में एक व्यक्ति अपने पीछे खड़े किसी परिचित से कहते सुनाई देता है कि तुम आईडी मत लगाना। तुमको फीड दे दिया जाएगा।
कुछ सेकेंड बाद ही तीनों शूटर अतीक-अशरफ पर गोलियों की बौछार शुरू कर देते हैं। अतीक और अशरफ के जमीन पर गिरते ही टूटी-फूटी हिंदी में एक युवक उस घटना की कवरेज करते सुना जा रहा है।