512 किलो प्याज बेचकर किसान को मिला सिर्फ 2 रुपए मुनाफा

 
ओकल

70 किलोमीटर का सफर तयकर मंडी में अपनी प्याज की फसल को बेचने के लिए आए किसान की आंखें भर आईं. दरअसल किसान को 512 किलो प्याज बेचने के बाद सिर्फ दो रुपये ही मिल पाए.पश्चिम महाराष्ट्र के सोलापुर जिले की बार्शी तहसील के रहने वाले किसान राजेंद्र तुकाराम चव्हाण को 512 किलो प्याज बेचने के बाद सिर्फ दो रुपये की ही कमाई हुई. प्याज बेचने के बाद उन्हें एक पोस्ट डेटेड चेक दिया गया जो पंद्रह दिन बाद क्लियर हुआ. मिली रकम से जब ट्रांसपोर्ट खर्च कम किया तो मुनाफा महज दो रुपये का हुआ. इसके बाद किसान राजेंद्र तुकाराम चव्हाण की आंखों में आंसू छलक गए. हुक्मरान और नीतिनियंता भले ही लाख दावे कर लें लेकिन इस बात से साफ तौर पर अंदाजा लगाया जा सकता है कि देश में अन्नदाता किसान की क्या हालत है.

पश्चिम महाराष्ट्र के सोलापुर जिले की बार्शी तहसील में रहने वाले किसान राजेंद्र तुकाराम चव्हाण राज्य के सोलापुर जिले की मंडी में अपनी प्याज की फसल को बेचने के लिए 70 किलोमीटर का सफर तय किया. सर्दियों में खरीफ की फसल की बंपर पैदावार हुई थी. जिसकी वजह से जब मंडी में उन्हाेने प्याज की फसल बेची तो प्रति किलो ग्राम की कीमत सिर्फ एक रुपये मिली. प्याज बेचने के बाद उन्हें एक पोस्ट डेटेड चेक दिया गया जो पंद्रह दिन बाद क्लियर हुआ.

512 किलो प्याज बेचने पर मुनाफा महज दो रुपये

किसान राजेंद्र तुकाराम चव्हाण मिली रकम से जब ट्रांसपोर्ट खर्च कम किया तो मुनाफा महज दो रुपये का हुआ. इसके अलावा एपीएमसी व्यापारी ने अलग से 509.50 रुपये कुल रकम से काट लिए. यह रकम लोडिंग, अनलोडिंग और ट्रांसपोर्ट खर्च के लिए काटी गई थी. किसान राजेंद्र तुकाराम चव्हाण का कुल मुनाफा 2.49 रुपये था लेकिन उन्हें सिर्फ दो रुपये ही दिए गए. प्याज़ खरीदने वाले शख्स ने कहा कि दरअसल बैंक का लेनदेन ज्यादातर राउंड फीगर में होता है.