पुलवामा हमले की बरसी आज, शहीद हुए थे 40 जवान

14 फरवरी का दिन भले ही कई लोगों के लिए वेलेंटाइन डे सेलीब्रेशन का दिन हो लेकिन यह दिन इतिहास में जम्मू-कश्मीर की सबसे दुखद घटना की भी याद दिलाता है। साल 2019 में 14 फरवरी को आतंकवादियों ने इस दिन को देश के सुरक्षाकर्मियों पर कायराना हमले के लिए चुना। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी ने विस्फोटकों से लदे वाहन से CRPF जवानों की बस को टक्कर मार दी, जिसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) 40 जवान शहीद हो गए और कई गंभीर रूप से घायल हुए थे।
पुलवामा आतंकी हमले को तीन साल हो चुके हैं लेकिन इसके जख्म और दर्द आज भी हरे हैं। सोशल मीडिया पर #pulwamaattack और #pulwama ट्रेंड कर रहा है। लोग शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दे रहे हैं। यूजर्स ने लिखा कि यह वो दिन है जिसे हम कभी भूलेंगे नहीं और न ही दोषियों को माफ करेंगे। 14 फरवरी जब लोग वेलेंटाइन डे (Valentine's Day) पर अपने दोस्तों के साथ इस दिन का जश्न मना रहे थे तभी दोपहर करीब पौने चार बजे टीवी पर पुलवामा हमले की खबर आई। पूरा देश सन्न रह गया। लोग आतंकियों की इस कायराना हरकत से रो पड़े।
पुलवामा जिले के लीथोपोरा में CRPF जवानों से भरी बस से एक विस्फोटक से भरी गाड़ी सीधी जा टकराई और एक जोरदार भीषण धमाका हुआ। आमने-सामने से टक्कर होने पर पहले तो किसी को कुछ समझ नही आया। धमाके का काला धुआं वहां आसपास इतना भर गया कि कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। धुआं हटा तो सड़क पर हमारे देश के वीर जवानों के पार्थिव शरीर धरती पर पड़े हुए थे। धमाका इतना तेज था कि सड़क कई दूरी तक खून से सन्नी हुई थी। जवान मोर्चा संभालते उससे पहले ही आतंकियों ने सीआरपीएफ की 78 गाड़ियों के काफिले पर ताबड़तोड़ गोलीबारी शुरू कर दी। जवानों ने इस गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब दिया और जवाबी कार्रवाई में आतंकी भाग खड़े हुए। मीडिया में पुलवामा की तस्वीरें जब सामने आईं तो पूरा देश दहल गया। हर किसी की जुबान पर एक ही बात थी कि इस हमले बदला लो, आतंकियों को मारो और दुुश्मनों को करारा जवाब दो।
पुलवामा की बरसी पर घाटी में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। सुरक्षा बलों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने के भी निर्देश दिए गए हैं। महत्वपूर्ण सुरक्षा स्थलों की सुरक्षा बढ़ाने के साथ ही जम्मू-श्रीनगर, श्रीनगर-बारामुला, श्रीनगर-कुपवाड़ा हाईवे पर भी सतर्कता बढ़ा दी गई है। मोबाइल नाके भी लगाए गए हैं। सभी जगहों पर वाहनों की जबरदस्त चेकिंग की जा रही है। आईजी कश्मीर विजय कुमार का कहना है कि सुरक्षा बल हमेशा सतर्क रहते हैं, लेकिन पुलवामा की बरसी को देखते हुए अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है ताकि आतंकियों की किसी भी नापाक इरादे को नाकाम बनाया जा सके।
पुलवामा हमले के बाद घाटी में तीन साल में 500 से अधिक आतंकियों का सफाया किया। इनमें जैश, लश्कर, अंसार गजवातुल हिंद और हिजबुल के टॉप कमांडर भी शामिल हैं। अनुच्छेद 370 हटने के बाद पांच अगस्त 2019 से अब तक 541 मुठभेड़ में 446 आतंकी मारे जा चुके हैं। पांच अगस्त के बाद आईपीएस विजय कुमार को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से बुलाकर दिसंबर 2019 में कश्मीर पुलिस महानिरीक्षक की कमान सौंपी गई। तब से 400 दहशतगर्दों का काम तमाम हो चुका है।