केंद्रीय कर्मियों के डीए में हो सकती है तीन-चार फीसदी की बढ़ोतरी

 
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कर्मचारी संगठनों के नेताओं का कहना था कि मौजूदा परिस्थितियों में केंद्र सरकार, कर्मियों के डीए के साथ टालमटोल नहीं कर सकती। केंद्र के अलावा विभिन्न राज्यों के कर्मचारी संगठन, पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने के लिए आवाज उठा रहे हैं। कई विभागों में पदोन्नति के लिए कर्मियों और अधिकारियों को संघर्ष करना पड़ रहा है। ऐसे में केंद्र सरकार, डीए रोकने की गलती नहीं करेगी।

केंद्र सरकार के 47 लाख कर्मचारियों के 'डीए' यानी महंगाई भत्ते में जुलाई माह के दौरान तीन से चार फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है। इसका फायदा 68 लाख पेंशनभोगियों को भी महंगाई राहत 'डीआर' के तौर पर मिलेगा। गत मार्च में अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक 'एआईसीपीआई' में एक फीसदी की वृद्धि दर्ज हुई है। चूंकि सामान्य तौर पर महंगाई भत्ता पहली जनवरी और पहली जुलाई से बढ़ाए जाने का ट्रेंड रहा है, इसलिए आगामी जुलाई में केंद्रीय कर्मियों को खुशियों की सौगात मिल सकती है। केंद्र सरकार ने मार्च 2022 के आखिर में अपने कर्मियों का 'डीए' बढ़ा दिया था। डीए की दर 31 प्रतिशत से बढ़ाकर 34 प्रतिशत कर दी गई है। नई दरें पहली जनवरी 2022 से लागू की गई हैं। 

राष्ट्रीय परिषद-जेसीएम के सचिव शिव गोपाल मिश्रा और जेसीएम के सदस्य एवं एआईडीईएफ के महासचिव सी. श्रीकुमार के मुताबिक, केंद्र सरकार को डीए के भुगतान में देरी नहीं करनी चाहिए। सरकार के प्लेटफॉर्म पर जितनी भी बैठकें होती हैं, उनमें डीए/डीआर का मुद्दा उठाया जाता है। केंद्र सरकार द्वारा अभी तक 18 महीनों के डीए के भुगतान बाबत कोई घोषणा नहीं की गई है। इस मुद्दे पर जेसीएम के सदस्य ने कैबिनेट सचिव को पत्र भी लिखा था। केंद्र सरकार ने कोविड-19 के दौरान सरकारी कर्मियों और पेंशनरों के डीए-डीआर पर रोक लगा दी थी। कर्मियों के 11 फीसदी डीए का भुगतान रोक कर केंद्र सरकार ने उस वक्त 40,000 करोड़ रुपए बचा लिए थे। सरकारी कर्मियों को अपने महंगाई भत्ते के लिए संघर्ष करना पड़ा था। इस बार जुलाई में सरकार को तीन से चार फीसदी डीए/डीआर देना होगा। 

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कर्मचारी संगठनों के नेताओं का कहना था कि मौजूदा परिस्थितियों में केंद्र सरकार, कर्मियों के डीए के साथ टालमटोल नहीं कर सकती। केंद्र के अलावा विभिन्न राज्यों के कर्मचारी संगठन, पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने के लिए आवाज उठा रहे हैं। कई विभागों में पदोन्नति के लिए कर्मियों और अधिकारियों को संघर्ष करना पड़ रहा है। ऐसे में केंद्र सरकार, डीए रोकने की गलती नहीं करेगी। जुलाई में सरकार को तीन से चार फीसदी डीए की घोषणा करनी होगी। डीए में बढ़ोतरी का निर्धारण एआईसीपीआई की वृद्धि के अनुसार किया जाता है। मार्च में एक प्वाइंट का इजाफा हुआ है। लिहाजा अभी अप्रैल-मई व जून की संख्या आनी बाकी है, अगर उसमें भी तेजी दिखी तो कर्मियों को चार प्रतिशत डीए की सौगात मिलना लगभग तय है। 

बता दें कि कोरोना संक्रमण के दौरान एक जनवरी 2020 से 30 जून 2021 तक 'डीए' फ्रीज रखा गया था। उस वक्त डीए की दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। केंद्र सरकार ने जब डीए की घोषणा की तो यह बात साफतौर से कही थी कि 18 महीनों में 'डीए' की दर 17 प्रतिशत ही मानी जाए। इसका सीधा अर्थ यही निकलता है कि सरकार ने एक जुलाई 2021 से 28 प्रतिशत डीए देने की जो घोषणा की थी, उसे 24 घंटे में हुई बढ़ोतरी मान लिया जाए। सरकारी कर्मियों के डीए में एक ही झटके में 11 प्रतिशत की वृद्धि हो गई। कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों का कहना है कि वे जुलाई से पहले सरकार के साथ बैठक करेंगे। इसमें 18 माह के एरियर को लेकर बात की जाएगी। साथ ही आगामी जुलाई से डीए में जो बढ़ोतरी की जाएगी, उसकी घोषणा पहले ही कर दी जाए। इतना ही नहीं, कर्मियों की जुलाई की सैलेरी में डीए की बढ़ोतरी दिखनी चाहिए।