भारत लौटे छात्रों ने वहां के हालात बयां करते हुए भारत सरकार से की कुछ अपील

 बयां किया खौफनाक मंजर

 
छात्रों

भारत आकर बेहद खुश हैं. वहां हालात बहुत बुरे हैं. उन्होंने बताया कि, वहां स्टूडेंट्स को मारा जा रहा था. हम गन पॉइंट पर थे और बहुत डर का माहौल था. उन्होंने कहा कि, यूरोपियन लोगों ने हमारी काफी मदद की. हम भारतीय एंबेसी से आग्रह करते हैं जो लोग वहां अभी भी फंसे हैं उन्हें जल्द निकाला जाए. हालांकि उन्होंने आगे ये भी कहा कि, जब हालत ठीक हो जाएंगे तो तो हम वापस जाना चाहेंगे क्योंकि वो हमारा दूसरा घर है.

राजस्थान के सत्यम ने भारत आकर खुशी जाहिर की है. उन्होंने वहां फंसे अन्य छात्रों के लिए दुख जताते हुए भारत सरकार से जल्द निकालने का आग्रह किया है. सत्यम ने बताया कि वो बॉर्डर तक खुद पहुंचे और फिर बाकी का सारा खर्चा सरकार ने उठाया है.

छात्रों के बाहर आते ही उनके परिजन भावुक हो उठे. किसी ने बच्चों का स्वागत फूल-मालाओं से किया तो किसी ने आंसुओं से. बुखारेस्ट से दिल्ली लौटी दिव्यांशी ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि वो भारत आकर बहुत खुश हैं और खुद को सुरक्षित महसूस कर रही हैं. उन्होंने कहा कि, वहां हालत बहुत खराब हैं पर लोगों ने हमारी काफी मदद की. भारतीय एंबेसी ने हमारा काफी ध्यान रखा, खाने-पीने से लेकर शेल्टर होम में की सही व्यवस्था हमारे लिए की गई. बोर्डर तक पहुंचाया गया. बिजनौर की रहने वाली दीव्यांशी ने भारत सरकार की खूब तारीफ करते हुए शुक्रिया अदा किया.