समुद्र से निकला रहस्यमयी 'सोने का रथ', देखें वीडियो।

Top 10 Mobiles Click hear चक्रवात असानी के बीच समुद्र से अचानक निकले 'सोने का रथ' देखकर सभी हैरान रह गए। आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के सुन्नापल्ली सी हार्बर में मंगलवार को चक्रवाती तूफान आसनी के प्रभाव के बीच एक रहस्यमयी सोने के रंग का रथ देखा गया।
#WATCH | Andhra Pradesh: A mysterious gold-coloured chariot washed ashore at Sunnapalli Sea Harbour in Srikakulam y'day, as the sea remained turbulent due to #CycloneAsani
— ANI (@ANI) May 11, 2022
SI Naupada says, "It might've come from another country. We've informed Intelligence & higher officials." pic.twitter.com/XunW5cNy6O
#WATCH | Andhra Pradesh: A mysterious gold-coloured chariot washed ashore at Sunnapalli Sea Harbour in Srikakulam y'day, as the sea remained turbulent due to #CycloneAsani
— ANI (@ANI) May 11, 2022
SI Naupada says, "It might've come from another country. We've informed Intelligence & higher officials." pic.twitter.com/XunW5cNy6O
इसका घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में समुद्र किनारे पर मौजूद लोग रथ को पानी से खींचकर किनारे पर लाते देखे जा सकते हैं। नौपाड़ा (श्रीकाकुलम जिले) के सब-इंस्पेक्टर ने बताया कि घटना की सूचना खुफिया विभाग को दे दी गई है। एसआई ने कहा, "हो सकता है कि यह किसी दूसरे देश से आया हो। हमने इंटेलिजेंस और उच्च अधिकारियों को सूचित कर दिया है।
बता दें कि भीषण चक्रवात ‘असानी’ बुधवार को एक चक्रवाती तूफान में तब्दील होते हुए उत्तर तटीय आंध्र प्रदेश की ओर बढ़ गया और राज्य के नरसापुर में 34 किलोमीटर भीतर तक इसका असर दिखाई दिया। इस दौरान क्षेत्र में 85 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं और भारी बारिश हुई। मौसम विज्ञान विभाग ने यह जानकारी दी। विभाग के अनुसार, चक्रवात के तट से दूर जाने और बृहस्पतिवार तक इसके कमजोर पड़ने की संभावना है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अपने राष्ट्रीय बुलेटिन में बताया, ‘‘ इसके अगले कुछ घंटों में उत्तर की ओर बढ़ने की संभावना है। बुधवार को दोपहर से शाम के बीच इसके एक बार फिर जोर पकड़ने और नरसापुर, यानम, काकीनाड़ा, तुनी तथा विशाखापत्तनम तटों के साथ उत्तर-उत्तर पूर्व की ओर धीरे-धीरे बढ़ने और रात में उत्तरी आंध्र प्रदेश के तटों से पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी में समा जाने की संभावना है।’’