भारी विरोध के बाद अग्निपथ योजना में किया गया बड़ा बदलाव

केंद्र की 'अग्निपथ' योजना के विरोध में बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में युवाओं ने जमकर प्रदर्शन किया। हालांकि इन तमाम विरोध प्रदर्शनों के बीच केंद्र सरकार ने गुरुवार रात योजना में बड़ा बदलाव करते हुए युवाओं को राहत देने का प्रयास किया है। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि अग्निपथ योजना के तहत भर्ती की अधिकतम आयु सीमा 21 से बढ़ाकर 23 साल कर दी गई है। हालांकि ये ढील केवल इसी साल यानी 2022 की भर्ती प्रक्रिया में ही लागू होगी। पिछले दो वर्षों में कोई भर्ती नहीं होने के कारण यह निर्णय लिया गया है।
रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, अग्निपथ योजना की शुरुआत के समय सशस्त्र बलों में सभी नए रंगरूटों के लिए प्रवेश आयु साढ़े 17 साल से 21 साल साल निर्धारित की गई है। रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि पिछले दो वर्षों के दौरान भर्ती करना संभव नहीं हुआ, इसलिए सरकार ने फैसला किया है कि 2022 के लिए प्रस्तावित भर्ती प्रक्रिया के लिए एकबारगी (आयु सीमा में) छूट दी जाएगी।’’ उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना के तहत 2022 की भर्ती प्रक्रिया के लिए ऊपरी आयु सीमा को बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया गया है।
क्या है अग्निपथ भर्ती योजना
भारत सरकार ने मंगलवार को सेना, नौसेना और वायुसेना में सैनिकों की भर्ती के लिए एक नई ‘अग्निपथ योजना’ का ऐलान किया था। इसके तहत बढ़ते वेतन और पेंशन खर्च को कम करने के लिए संविदा के आधार पर अल्पकाल के लिए सैनिकों की भर्ती की जएगी, जिन्हें ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा।
crossorigin="anonymous">यह भी कहा गया कि सशस्त्र बल इस साल 46,000 ‘अग्निवर’ भर्ती करेंगे और चयन के लिए पात्र आयु 17.5 वर्ष से 21 वर्ष के बीच होगी जिसे अब पहले साल (2022) के लिए बदल दिया गया है। योजना के तहत भर्ती 90 दिनों के भीतर शुरू होने वाली है। रोजगार के पहले वर्ष में एक ‘अग्निवीर’ का मासिक वेतन 30,000 रुपये होगा, लेकिन हाथ में केवल 21,000 रुपये ही आएंगे। हर महीने 9,000 रुपये सरकार के समान योगदान वाले एक कोष में जाएंगे।
इसके बाद दूसरे, तीसरे और चौथे वर्ष में मासिक वेतन 33,000 रुपये, 36,500 रुपये और 40,000 रुपये होगा। प्रत्येक ‘अग्निवीर’ को ‘सेवा निधि पैकेज’ के रूप में 11.71 लाख रुपये की राशि मिलेगी और इस पर आयकर से छूट मिलेगी। ग्रेच्युटी और पेंशन लाभ के लिए कोई अधिकार नहीं होगा।