कांग्रेस में विवाद, कपिल सिब्बल ने कहा गांधी परिवार पीछे हटे तो सपोर्ट में आए ये बड़े नेता

पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में मिली करारी हार के बाद भी कांग्रेस में बयानबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है। चुनावी हार का ठीकरा कुछ नेताओं पर फोड़ने के बाद भी कांग्रेस में नेताओं का धड़ा दो खेमों में बंटता हुआ दिखाई दे रहा है। हार के बाद कांग्रेस के हालात बदल गए हैं।
हार के बाद दो खेमों में बंटती कांग्रेस में पांच दशक बाद एक बार फिर संकट के बादल मंडराने लगे है। पांच दशक बाद कांग्रेस जीत के गिरते ग्राफ के बाद पार्टी का वर्चस्व गिरने लगा है। ऐसे में पार्टी को संभालने के लिए गाँधी परिवार के समर्थन और विरोध में मुखर होती आवाज में कौन सी सही है? ये पार्टी के साथ साथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं को भी मुश्किल में डाल रही है। कार्यकर्ता किस नेता की बयानबाजी को सही माने इस पर हालफिलहाल कुछ कहा नहीं जा सकता है। लेकिन इतना जरूर कहा जा सकता है कि कांग्रेस कार्यकर्ता असंमजस्य स्थिति में है।
आपको बता दें एक तरफा कांग्रेस चुनावी नतीजों पर चिंतन-मंथन कर हार की वजह ढूंढने में जुटी है। दूसरी तरफ नेताओं के बयानों ने उसे और मुसीबत में फंसा दिया है। बीजेपी एक तरफ परिवारवाद पर निरंतर हमले कर रही है अब उसके अपने नेताओं ने भी गाँधी परिवार को लेकर खुलकर बोलना शुरू कर दिया है।
सिब्बल ने गांधी मुक्त कांग्रेस का छेड़ा राग
पांच राज्यों में मिली हार के बाद सिब्बल ने गांधी परिवार मुक्त कांग्रेस का राग अलापा। कपिल सिब्बल ने मांग की है कि गांधी परिवार के नेतृत्व की भूमिका से हटकर किसी और को पार्टी का नेतृत्व करने का मौका देना चाहिए।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल के इस बयान पर पार्टी में कलह बहस बयानों के तीर चलने लगे है। गांधी परिवार के बचाव में सबसे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कपिल सिब्बल पर निशाना साधा, सीएम गहलोत ने कहा है कि कपिल सिब्बल को कांग्रेस की एबीसीडी नहीं पता। गहलोत ने यहां तक कह दिया कि सोनिया गांधी के आशीर्वाद से ही सब मिला है। कपिल सिब्बल के मुंह से ऐसे शब्द निकलना दुर्भाग्यपूर्ण है। सिब्बल को कांग्रेस की एबीसीडी नहीं पता। इससे पहले सीएम गहलोत ने कहा था हर जाति, हर वर्ग, हर धर्म, हर भाषा, उत्तर दक्षिण पूर्व पश्चिम में हर क्षेत्र के लोग सभी जानते है कि गांधी परिवार के नेतृत्व में ही कांग्रेस एकजुट रह सकती है। आज हर कांग्रेसजन उनके साथ में है।
हार के बाद सिब्बल के पार्टी नेतृत्व फैसले और परिवर्तन के बयान कई नेताओं को नागवार गुजरने लगे। कपिल सिब्बल पर पलटवार करते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा वह एक अच्छे नेता नहीं रहे हैं। खड़गे यहीं नहीं रूके उन्होंने सिब्बल को अच्छा वकील तो बताया लेकिन अच्छा नेता नहीं बताया। आगे खड़गे ने कहा, सिब्बल कभी कांग्रेस के काम के लिए किसी गांव तक नहीं गए। खड़गे ने सिब्बल पर कांग्रेस पार्टी को कमजोर करने का आरोप लगाया है।
बयानों को लेकर जी-23 नेताओं की बड़ी बैठक आज शाम 5 बजे होने जा रही है। एक तरफ गांधी परिवार का विरोध हो रहा है, दूसरी तरफ गांधी परिवार तुरंत कार्रवाई कर रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हारे हुए राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों का इस्तीफा मांगा। उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, मणिपुर और पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष इस्तीफा दे चुके है।