इस सरकारी बैंक की 600 शाखाएं हो रही बंद : चेक कीजिए

 
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सेंट्रल बैंक समेत कई दूसरे बैंकों को 2017 में आरबीआई की पीसीए (prompt corrective action) व्यवस्था में रखा गया था। इन बैंकों की वित्तीय स्थिति आरबीआई के शर्तों के दायरे से बाहर निकल गई थी। इन्हें दुरुस्त करने के लिए इन बैंकों पर कई तरह की बंदिशें लगाई गई थीं। सेंट्रल बैंक को छोड़कर बाकी सभी बैंकों के कामकाज में सुधार आया है और वे पीसीए की लिस्ट से निकल गए हैं।
बैंक मुख्यालय ने इस बारे में विभिन्न ब्रांच और डिपार्टमेंट्स को चार मई को भेजे गए डॉक्यूमेंट में कंहा गया है कि बैंक 2017 से ही पीसीए से बाहर निकलने और मैनपावर के एफिशियंट और इफेक्टिव इस्तेमाल के लिए संघर्ष कर रहा है। इसमें ब्रांच बंद करने के औचित्य को डिटेल से बताया गया है। इस बारे में बैंक ने तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की। दिसंबर तिमाही में बैंक का प्रॉफिट 2.82 अरब रुपये रहा था जबकि एक साल पहले समान तिमाही में यह 1.66 अरब रुपये रहा था। दिसंबर में कंपनी का ग्रॉस एनपीए रेश्यो 15.16% था जो दूसरे बैंकों की तुलना में बहुत अधिक है। बैंक को जून 2017 में पीसीए फ्रेमवर्क में रखा गया था। उस तिमाही बैंक को 7.50 अरब रुपये का नुकसान हुआ था जबकि ग्रॉस एनपीए रेश्यो 17.27% पहुंच गया था।