AK-47 राइफल की गोलियों से अतीक ब्रदर्स ऐंड सन्स की ‘बदमाश कंपनी धुआं-धुआं’

उमेश पाल हत्याकांड के बाद सदन के अंदर सीएम योगी आदित्यनाथ ने ऐलान किया था कि, हम माफिया को मिट्टी में मिला देंगे। प्रयागराज शुटआउट के बाद सरकार ने अपराधियों को सबक सिखाने के लिए यूपी एसटीएफ के आईजी अमितश यश ( सुपर कॉप) को लगाया। ददुआ, बड़खड़िया, ठोकिया, गौरी यादव जैसे तमाम मोस्ट मांटेड डकैतों का काम तमाम करने वाले जांबाज आईपीएस अमिताश यश अपनी टीम के साथ जनपद में डेरा जमाए हुए हैं। उनके साथ एक एसएसपी, दो सीओ के अलावा बेहतरीन एसटीएफ के हथियरबंद जवान 24 घंटे काम कर रहे हैं। सोमवार को टीम पुलिस को कामयाबी भी मिल गई। शूटर अरबाज को पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर अतीक अहमद ब्रर्दश एंड सन्स की बदमाश कंपनी के अंदर खलबली मचा दी।
क्या है पूरा मामला
राजूपाल हत्याकांड का आरोप माफिया अतीक अहमद और उसके भाई पर लगा था। पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया। हत्याकांड की जांच सीबीआई कर रही है। केस के मुख्य गवाह उमेश पाल थे, जो वकालत भी करते थे। शुक्रवार को वह इसी केस को लेकर कोर्ट गए थे। शाम जैसे ही वह अपने घर के बाहर कार से उतरे। तभी पहले से घात लगाए बैठे हमलावरों ने उन पर हमला बोल दिय। गोली लगने से उमेश पाल और उनके गनर की मौत हो गई। उमेश पाल की पत्नी की तहरीर पर पुलिस ने अतीक, उसकी पत्नी, भाई और बेटों समेत अज्ञात पर मुकदमा दर्ज कर लिया। आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस के साथ एसटीएफ को भी लगाया गया है। एसटीएफ के आईजी अमिताभ यश प्रयागराज में डेरा जमाए हुए हैं।
मारा गया अरबाज
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रयागराज के नेहरू पार्क में अतीक गैंग से जुड़े बदमाश अरबाज का का सोमवार को एनकाउंटर हो गया। बताया जा रहा कि उमेश पाल के हत्याकांड के दौरान अरबाज क्रेटा कार चला रहा था। जिस नेहरू पार्क में बदमाश का एनकाउंटर हुआ है, वह उमेश पाल के घर से करीब दो किमी दूर है। अरबाज प्रयागराज के पूरामुफ़्ती के सल्लाहपुर का रहने वाला था। गैंग का पुराना सदस्य था। उमेश पाल की हत्या के वक्त यही हमलावरों की कार चला रहा था। अरबाज खान पुत्र आफाक खान 25 वर्ष उम्र बताई जा रही। पुलिस का कहना है कि मौके से दो बदमाश भागने में सफल रहे हैं, उनकी तलाश की जा रही है।
कौन हैं आईपीएस अमिताभ यश
इस जाबांज आईपीएस अफसर के बारे में कहा जाता है कि जहां कहीं भी उनकी पोस्टिंग होती है वहां अपराधी या तो अपराध छोड़ देते हैं या फिर बेल तुड़वा कर जेल चले जाते हैं। अमिताभ यश 1996 बैच के आईपीएस अफसर हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के तौर पर उन्होंने सहारनपुर, नोएडा, बुलंदशहर, बाराबंकी और जालौन में अपनी सेवा दी है। इसके अलावा वो कानपुर, मुरादाबाद और बांद में डीआईजी के पद पर रहे जबकि गोरखपुर में आईजी के पद पर भी तैनात रहे। फिलहाल अमिताभ यश पिछले दो सालों से यूपी एसटीएफ के चीफ हैं। इस कार्यकाल के दौरान उनके नेतृत्व में एसटीएफ ने बड़े-बड़े अपराधियों को मुठभेड़ में मार गिराया।