दबंग दुकानदारों और डग्गामार वाहनों के संचालकों के आगे चलाया गया अतिक्रमण अभियान फेल

एक तरफ योगी सरकार में कोरोना संक्रमण से अधिक मौतें मार्ग दुर्घटनाओं में अतिक्रमण के कारण हुई। जिसको लेकर पूरे प्रदेश में अतिक्रमण हटाने का अभियान चला इसी अभियान के तहत बछरावां में भी अतिक्रमण हटाया गया। सबसे ज्यादा खराब स्थित लालगंज रोड ओवर ब्रिज के नीचे और शिवगढ़ रोड ओवर ब्रिज पर अतिक्रमण था।
अभियान चला अतिक्रमण हटाया गया इसी के साथ मुख्य मार्गों के भी अतिक्रमण हटाए गए लेकिन एक सप्ताह बीत जाने के बाद ओवर ब्रिज के नीचे फिर से दुकानदार और डग्गामार वाहन अपना कब्जा जमाए हुए हैं। जिससे राहगीरों को सड़क से इस पार से उस पार जाने में पहले जैसे ही समस्या बनी हुई है। केवल महाराजगंज रोड पर दोनों तरफ अतिक्रमण हटाने के बाद कोई दुकानदार अतिक्रमण नहीं किया। वही सबसे मजेदार बात तो यह है इसी महाराजगंज रोड पर लगभग दो वर्षों से एक डीसीएम खड़ा हुआ है। सड़क के ऊपर लेकिन उप जिला अधिकारी और क्षेत्राधिकारी इसी सड़क से आना जाना रहता है। लेकिन इस महा अतिक्रमण अभियान में यह हटाया नहीं गया। वही बछरावां पुलिस का आलम तो यह है की थाना प्रभारी को उनके मोबाइल पर फोटो भेज कर सूचना करने के बाद भी या डीसीएम नहीं हटाया गया। जबकि इस डीसीएम के सड़क पर खड़े होने से लगभग कई दर्जन लोग दुर्घटना का शिकार हो चुके हैं। इस तरह अतिक्रमण में हटाए गए छोटे दुकानदारों में जबरदस्त आक्रोश है कि दबंग दुकानदारों द्वारा अतिक्रमण नहीं हटाया गया और हटाने के बाद दोबारा कर लिया गया जिस पर छोटे व्यापारी मांग कर रहे हैं कि हम लोग अगर अतिक्रमण में जो सीमा निर्धारित की गई है उसका पालन कर रहे हैं तो अगर इन व्यापारियों और डग्गामार वाहनों संचालकों को पालन नहीं कराया जाए तो हमें भी इस तपती धूप में तिरपाल लगाने और तीन सेड रखने की छूट नगर पंचायत प्रशासन और उप जिलाधिकारी महाराजगंज और बछरावां थाना प्रभारी हम लोगों को छोड़ दें अब देखना है कि दोहरे मापदंड को अपनाने वाले नगर पंचायत प्रशासन क्या इस पर कोई ठोस कार्रवाई कर आएगा या मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।