सपा में अखिलेश शिवपाल को दे सकते हैं बड़ी जिम्मेदारी

प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के मुखिया शिवपाल सिंह यादव ने मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में अपना दम दिखा दिया है। अपनी जसवंतनगर विधानसभा सीट से ही बहू डिंपल यादव को एक लाख से अधिक मतों की बढ़त दिलाकर यह साबित कर दिया कि उनका क्षेत्र में जबरदस्त प्रभाव है।
2018 में शिवपाल ने बनाई थी प्रसपा
मैनपुरी उपचुनाव में मिली जीत के बाद शिवपाल ने अपनी चार वर्ष पुरानी पार्टी प्रसपा का विलय भी सपा में कर दिया है। इसके साथ ही अब उम्मीद की जा रही है कि शिवपाल फिर सपा में बड़ी भूमिका में नजर आएंगे। उन्हें शीघ्र ही अखिलेश पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी दे सकते हैं। वर्ष 2017 के विधान सभा चुनाव से पहले सपा में वर्चस्व को लेकर संघर्ष शुरू हुआ था। इसी के बाद शिवपाल ने वर्ष 2018 में प्रसपा बना ली थी। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में शिवपाल की पार्टी को आयोग ने चाबी चुनाव चिह्न आवंटित किया था।
प्रसपा को महज 0.31 प्रतिशत मिले थे वोट
चाबी चुनाव चिह्न के साथ लोकसभा चुनाव के मैदान में उतरी प्रसपा को महज 0.31 प्रतिशत वोट ही मिले थे। बाद में प्रसपा का चुनाव चिह्न चाबी छिन गया था, इसके स्थान पर स्टूल मिल गया था। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में शिवपाल सपा के साथ आ गए थे, किंतु उन्हें एक सीट ही अखिलेश ने दी थी। शिवपाल सपा के चुनाव चिह्न पर ही जसवंतनगर विधानसभा सीट से चुनाव जीते थे। अखिलेश द्वारा विधायकों की बैठक में उन्हें न बुलाए जाने से नाराज हो गए थे।
मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद अखिलेश व चाचा शिवपाल फिर करीब आए। डिंपल जब चुनाव मैदान में उतरीं तो अखिलेश के साथ चाचा शिवपाल के घर समर्थन मांगने पहुंची। इसके बाद चाचा सारे गिले-शिकवे भुलाकर बहू के प्रचार में लग गए। अब अखिलेश ने डिंपल के चुनाव जीतने के बाद चाचा को सबसे पहले सपा का झंडा प्रदान किया। शिवपाल ने इसे अपनी गाड़ी में लगाने के साथ ही अपने ट्विटर प्रोफाइल पर अपनी अपनी पहचान समाजवादी पार्टी के नेता के तौर पर बताई है। उन्होंने मैनपुरी सीट से डिंपल की जीत के लिए जनता का धन्यवाद भी दिया, और इसे नेताजी का आशीर्वाद बताया। वहीं, उनके बेटे आदित्य ने भी अपना प्रोफाइल सपा नेता कर लिया है।