बेटी के एग बेचकर मां कमा रही थी पैसा; जानिए कितना खतरनाक है ऐसा एग डोनेशन

 
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एक नाबालिग की मां अपने दोस्त से उसका रेप करवाती थी। यही नहीं वह अपनी बेटी के एग को भी हॉस्पिटल में बेच देती थी। इस एग डोनेशन में जो पैसे मिलते थे, वह मां और उसका दोस्त आपस में बांट लिया करते थे। ऐसा कई सालों से चल रहा था। फिलहाल मां और उसका दोस्त जेल में हैं। पुलिस अब डॉक्टरों और दलालों की तलाश कर रही है।

रेप के लिए तो कानून में सजा तय है। लेकिन इस तरह की घटनाएं महिलाओं के एग को लेकर कई तरह के सवाल छोड़ जाती हैं। जरूरत की खबर में महिला के एग से जुड़े सारे सवालों का जवाब दे रही हैं एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज की गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. प्रीति त्रिवेदी और IVF एक्सपर्ट डॉ. रोमिका कपूर

अब तमिलनाडु वाले केस में ही देखें, तो एक दूसरी महिला ने नाबालिग का जाली आधार कार्ड बनवाया और इसे बनाने के लिए पांच हजार रुपए का कमीशन लिया था। वहीं आरोपी मां ने 20 हजार में बेटी के अंडे बेचे। इसमें मामले में भी पुलिस ने Pocso Act के साथ IPC की धारा 420 और 506 (2) के तहत मामला दर्ज किया है।

सवाल: एग डोनेशन क्या होता है?

जवाब: इस प्रक्रिया में महिला अपना एग हॉस्पिटल या IVF सेंटर में डोनेट कर सकती है। इसकी मदद से वह महिलाएं मां बन पाती हैं, जिन्हें गर्भधारण में किसी तरह की समस्या होती है।

इसे ऐसे समझ सकते हैं…

  • यह एक असिस्टेड रिप्रोडक्शन प्रोसेस है।
  • इसमें एक फर्टाइल महिला अपने एग्स डोनेट करती है।
  • इससे इन्फर्टाइल महिला को मां बनाने में मदद मिलती है।
  • एग को लैब में स्पर्म के साथ फर्टिलाइज किया जाता है।
  • उसके बाद उसे मां के यूट्रस में इम्प्लांट किया जाता है।
  • जिससे मां के यूट्रस में भ्रूण बनने की प्रोसेस शुरू होती है। एग डोनेशन से महिलाओं के जान जाने का खतरा रहता है। एग डोनेशन के प्रोसेस में एग डोनेट करने वाली महिला को एक हार्मोनल ट्रीटमेंट से गुजरना पड़ता है। इस वजह से महिलाओं की सुरक्षा को देखते हुए एग डोनेशन को लेकर कानून बनाए गए हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की एक रिपोर्ट के मुताबिक एग डोनेशन में करीब 8% प्रतिशत महिलाओं की मौत हो जाती है। ऐसे में इस प्रोसेस को सावधानीपूर्वक एक्सपर्ट डॉक्टर की देखरेख में ही किया जाना चाहिए। ऐसी महिलाएं जो जरूरत से ज्यादा बार एग्स डोनेट करती हैं, उनके लिए ये खतरा और भी ज्यादा बढ़ जाता है।