वन माफिया कर देंगे धरती से जीवन खत्म

 
up

भले ही पूरे विश्व में घटते ऑक्सीजन को लेकर ग्लोवल बार्मिग जैसी आपदा का खतरा मंडरा रहा हो जिसको लेकर प्रदेश सरकार अपने मातहतों व समाचार पत्रों के माध्यम से प्रत्येक आम नागरिक को कम से कम एक ब्रक्ष लगाकर मानवजीवन को बचाये रखने हेतु प्रयासरत है।वहीं वन विभाग के कुछ कर्मचारियों द्वारा अपने फायदे को लेकर वन माफियाओं को खुली छोड़ देकर सम्पूर्ण मानव जाति को विनाश की ओर अग्रसर किया का रहा है।जिसका जीता जागता उदाहरण


सिकंदरा तहसील के विकासखंड व थाना राजपुर के जैनपुर मंदिर के समीप तालाब के पास देखने को मिला है।जहां पर खड़े करीब सत्रह नीम के हरे पेड़ों को वनमाफिया द्वारा बगैर परमिशन के काट डाला गया।हास्यास्पद बात तो यह है कि वन विभाग को लगातार कई दिनों तक काटे गए हरे प्रतिबंधित ब्रक्षो के कटान की भनक तक नहीं लगी।जब मामला मीडिया की सुर्खियों में आया तो संबंधित वन रक्षक से लेकर वन दरोगा व रेंजर तक अपना दामन बचाने में लग गए।वहीं वन विभाग की लापरवाही साफ साबित हो रही है।ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार प्रत्येक वर्ष करोड़ों पेड़ लगाकर अपना लक्ष्य पूरा करती है।जिससे धरती पर मानव जीवन को बचाया का सके। वही राजपुर थाना क्षेत्र के जैनपुर मंदिर के तालाब के पास लकड़ी माफियाओं ने 17 हरे नीम के पेड़ काट डालें। जहां तालाब के पास हरे पेड़ काटे गए हैं। वह ग्राम समाज की भूमि बताई जा रही है। लेखपाल बलवीर सिंह ने बताया कि क्षेत्र में नवीन तैनाती हुई है।जांच करके कार्रवाई की जाएगी। वही सिकंदरा तहसील के वन दरोगा मनीष राठौर वा फॉरेस्ट गार्ड इंद्रेश यादव ने जानकारी ना होने की बात कही है।वहीं उच्चाधिकारियों ने कार्रवाई के निर्देश देते हुए सख्त कार्रवाई कराये जाने की बात कही है।अब देखना ये है कि सरकार ब्रक्षा रोपण कर प्रदेश को हरित प्रदेश बनाने में कामयाब होती है या वन माफिया लगातार वन विभाग से सांठ गांठ कर मानव जीवन को खतरे में डालकर जनपद को रेगिस्तान में तब्दील करते रहेंगे।