शराब की तस्करी करते पकड़ा गया बीजेपी नेता

 
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छत्तीसगढ़ में शराब के मामले को लेकर कांग्रेस और भाजपा आमने सामने हैं। दरअसल छत्तीसगढ़ पुलिस ने 13 लीटर शराब के साथ पाटेकोहरा चेकपोस्ट पर भारतीय जनता पार्टी के युवा नेता जयराम दुबे को पकड़ा है। भाजपा नेता पर आरोप हैं कि वह महाराष्ट्र से छत्तीसगढ़ में शराब तस्करी कर रहे थे। इस मामले के सामने आते ही भाजपा जयराम दुबे के बचाव में सामने आ गई है,वहीं कांग्रेस ने इस मामले को लेकर भाजपा पर निशाना साधा है।

बीजेपी नेता की गाड़ी पर लिखा जय सियाराम

शराब की तस्करी करते हुए पकड़े जाने पर आरोपी बीजेपी नेता ने बड़े नेताओं से पहचान की धौंस दिखाई। आरोपी नेता की गाड़ी पर बड़े-बड़े अक्षरों में जय सियाराम और सूचना का अधिकार प्रकोष्ठ भाजपा छग लिखा हुआ था। बता दें बुधवार को राजनांदगांव पुलिस ने भारतीय जनता पार्टी के सूचना के अधिकार प्रकोष्ठ से जुड़े रायपुर निवासी जयराम दुबे को शराब तस्करी मामले में गिरफ्तार कर किया है। पुलिस का कहना है कि उसने भाजपा नेता के पास से 10 हजार की अनुमानित कीमत की 14 बोतल शराब बरामद की है। यह घटना छुरिया थाना के निकट चिचोला चौक पर परिवहन नाका के पास कार चैकिंग के दौरान घटी। पुलिस का कहना है कि उन्हें मुखबिर के माध्यम से शराब के अवैध परिवहन के संबंध में सूचना मिली थी।

गिरफ्तारी के बाद भाजपा जयराम दुबे के बचाव में सामने आ गई। गुरुवार को भाजपा कार्यालय में पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता केदार गुप्ता, नलिनेश ठोकने और भाजपा RTI प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक डॉ. विजय शंकर मिश्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करके पुलिस की कार्रवाई को गलत बताया। भाजपा नेताओं का कहना है कि जय राम दुबे सूचना का अधिकार कानून का इस्तेमाल करके कांग्रेस सरकार की पोल खोल रहे थे। इसके कारण उन्हें इस साजिश में फसाया जा रहा है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि जयराम दुबे नागपुर से रायपुर लौट रहे थे। उनकी कार पर सूचना का अधिकार प्रकोष्ठ-भाजपा लिखा हुआ है,यही देखकर करीब 3 दर्जन पुलिसवालों ने उनको रोककर कार की डिक्की खुलवाई।

कांग्रेस ने ट्वीट कर साधा निशाना

बता दें सोशल मीडिया पर कांग्रेस ने बीजेपी को आड़े हाथ लिया है। कांग्रेस ने ट्वीट करते हुए लिखा कि बड़ा खुलासा। कार पर "जय सियाराम" लिखकर "शराब तस्करी" का काम करते हुए भाजपा नेता जयराम दुबे गिरफ्तार। छत्तीसगढ़ बीजेपी को मेंशन करते हुए कांग्रेस ने पूछा कि पूरी छत्तीसगढ़ बीजेपी इसके बचाव में क्यों उतरी है। क्या ये मोहरा बनकर बीजेपी के शीर्ष नेताओं के लिए काम कर रहा था। क्या बीजेपी नेताओं की अय्याशी की पाइप लाइन टूट गयी है।