मुख्तार-अतीक का कानपुर कनेक्शन, STF की लोकल यूनिट हुई एक्टिव

 
HK BHNJ

अतीक अहमद के बेटे असद और उसके गुर्गे गुलाम के एनकाउंटर के बाद मुख्तार और अतीक के रिश्तेदारों की सुरागरसी इंटेलीजेंस ने शुरू कर दी है। जिन लोगों से इन माफियाओं का कानपुर कनेक्शन है। वे दोनों ही पिंटू सेंगर हत्याकांड में आरोपी हैं। इन दिनों जमानत पर बाहर हैं।


2017 में सपा से अतीक अहमद को कैंट विधानसभा से टिकट मिला था। टिकट के बाद वह कानपुर में पहली बार आया था। इस दौरान 500 गाड़ियों के काफिले का स्वागत पिंटू सेंगर हत्याकांड में आरोपी पप्पू स्मार्ट ने हरजिंदर नगर चौराहे पर बड़ा मंच लगाकर किया था।
वहीं, एनकाउंटर में मारा गया असद भी पिता को चुनाव लड़वाने के लिए कानपुर आया था। कानपुर में ग्लोब इंटरनेशनल के मालिक मनिक बरकत उल्ला उर्फ अकबर के फ्लैट में रहता था। पूरी टीम के साथ इसी फ्लैट में असद का अलग कमरा था।

डेढ़ महीने में वापस हुई थी टिकट
लगभग डेढ़ महीने बाद अतीक का टिकट वापस हो गया था। डेढ़ महीने लोगों से संपर्क करने के दौरान असद के संपर्क कई लोगों से हो गए थे। ये टिकट भले ही अतीक को कैंट विधानसभा से मिली हो लेकिन अतीक, उसके परिवार वाले और चुनाव लड़ाने आए लोगों के संपर्क कई लोगों से हो गए थे।

मुख्तार के परिवार में हुई है एक हत्यारोपी की बेटी की शादी
अब यूपी के दूसरे माफिया मुख्तार अंसारी की बात की जाए, तो उसका कानपुर में तगड़ा कनेक्शन है। पिंटू सेंगर हत्याकांड में आरोपी सऊद अख्तर और महफूज अख्तर के परिवार की बेटी की शादी मुख्तार के परिवार में हुई है। कुछ दिन पहले ही मुख्तार का सगा रिश्तेदार कानपुर जेल से रिहा हुआ है।

crossorigin="anonymous">

उमेश पाल की हत्या के बाद से ही जानकारी जुटा रही इंटेलीजेंस
प्रयागराज में हुई उमेश पाल की हत्या में जब सीसीटीवी फुटेज सामने आई, तो असद और गुलाम की तस्वीरें भी सामने आईं। इनकी तलाश में भले ही एसटीएफ को लगाया गया, हो लेकिन फरार आरोपियों की तलाश में इंटेलीजेंस हर जगह की तलाश कर रही थी।

एसटीएफ की लोकल यूनिट हुई एक्टिव
यहां अतीक और उसके गुर्गे रुके हों। इसी के चलते कानपुर में भी सुरागरसी शुरू की गई थी। इसी बीच असद और गुलाम की कानपुर आने की चर्चा पर एसटीएफ की लोकल यूनिट को एक्टिव किया गया था। एसटीएफ सूत्रों की मानें, तो कानपुर उन्नाव के टेनरी मालिकों के यहां भी तलाश की गई थी, लेकिन कुछ निकला नहीं था।

अभी भी हैं अतीक के मददगार
अतीक जेल में है। उमेश पाल की हत्या के बाद उसके परिवार वालों की तलाश एसटीएफ कर रही है। लोकल पुलिस और इंटेलीजेंस का ये दावा है कि अतीक और उसके कुनबे का एक वर्ग अभी भी सगा है, जो इनके लिए सारी जरूरत की चीजें मुहैया कराता है