आठ साल की मासूम के सामने बाप-बेटी ने खाया जहर; कहा- तुम्हें जिंदा रहना है

 
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कानपुर के घाटमपुर के बीबीपुर गांव में पिता और बेड़ी बेटी के जहर खाने के मामले में छोटी बेटी समझ ही नहीं पा रही है कि उसके अपनों ने ऐसा क्यों किया। छोटी बेटी दुर्गा (8) के सामने बड़ी बहन मनजीता (14) और पिता मनोज ने खाने में जहर मिलाकर खा लिया। जहर खाने से पहले पिता ने छोटी बेटी से कहा कि तुमको मरना नहीं है, तुम अपनी बुआ के साथ रहना। इसके बाद उन्होंने मुझे सुला दिया।

दुर्गा ने पुलिस को बताया कि उसके सामने ही पिता ने खाने में जहर मिलाया और मेरे सामने ही दोनों खाना खाने लगे। पिता ने मुझसे कहा की बेटी तुम ये खाना बिल्कुल मत खाना तुम्हें जिंदा रहना है। दुर्गा जब पिता से खाना मांगने लगी तो वो लोग उठकर कमरे में चले गए और कमरा बंद कर लिया। कुछ देर बाद दोनों की हालत बिगड़ गई।

चचेरे भाई विनोद ने बताया कि डेढ़ साल बाद मनोज मंगलवार को दोनों बेटियों के साथ गांव आया था। घर की साफ-सफाई करने के बाद रात में घटना हुई। फोरेंसिक टीम को कच्चे घर के अंदर से दो गिलास, नमकीन व चूहा मार दवा के खाली पैकेट व दोने मिले हैं। जिसे टीम ने कब्जे में ले लिया। 

थाना प्रभारी का दावा है कि प्रथम दृष्टया जांच में पता चला है कि मनोज ने तड़के बेटी मंजीता को जगाकर गिलास में घोलकर जहरीला पदार्थ पिलाने के बाद खुद भी पी लिया। मनोज की मानसिक स्थिति ठीक न होने की बात सामने आ रही है। मामले की जांच की जा रही है।

नमकीन और समोसा लेकर आया था मनोज
छोटी बेटी दुर्गा ने बताया कि शाम को नमकीन व समोसा खाकर सभी लोग सो गए थे। रात में पापा ने जगाकर दीदी को जहर खिलाने के बाद खुद भी खा लिया और उससे बोले, कि तुम मत खाओ। इसके बाद उसे सुला दिया।

आपको बता दें कि कानपुर के सजेती थाना इलाके के बीबीपुर गांव में बुधवार को बजे पिता ने अपनी पुत्री को जहर दे दिया। फिर खुद भी जहर खाकर आत्महत्या कर ली। मौके पर ही दोनों की मौत हो गई। इस घटना से क्षेत्र में हड़कंप मच गया। जानकारी के मुताबिक बीबीपुर निवासी मनोज कुमार (40) पुत्र स्व. इंद्रपाल कोरी मुंबई में रहता था।

उसके साथ उसकी पुत्री मंजीता देवी (13) और छोटी बेटी दुर्गा (10) भी रहती थी। मंगलवार को ही मुंबई से तीनों लोग अपने गांव आए थे। ग्रामीणों ने बताया कि मृतक की पत्नी सविता पांच वर्ष पहले झगड़ कर अपने मायके बरीपाल सजेती चली गई थी। पत्नी के ना आने से मनोज परेशान रहता था और गांव छोड़कर कमाने के लिए बाहर चला गया था। मनोज अपने साथ में दोनों बेटियों को रखता था। मौत का कारण अभी स्पष्ट नहीं हो सका।