शिक्षक दिवस के अवसर पर यूपी के वायरल शिक्षक शिवेंद्र सिंह ने की नई पहल

नगर के शिक्षक ने विश्वभर में बढ़ाया मान
ज्ञान ही इंसान को जीने योग्य जीवन की सीख देता है। जिस प्रकार एक शिल्पकार पत्थर को आकार देता है और कच्ची मिट्टी को तपाकर उसके विकारों को दूर करता है।
ठीक उसी प्रकार एक शिक्षक भी छात्रों के अवगुणों को दूर कर काबिल बनाता है। भारत में प्रतिवर्ष शिक्षकों के सम्मान में 5 सितंबर को टीचर्स डे मनाया जाता है। इस दिन शिक्षकों को समाज के विकास में उनके अनकहे योगदान के लिए सम्मानित किया जाता है।5 सितंबर को भारत देश के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ राधा कृष्णन का जन्म हुआ था। वह एक महान दार्शनिक शिक्षक भी थे और शिक्षा के क्षेत्र में उनका अहम लगाव था। उन्होंने 40 साल तक शिक्षक के रूप में कार्य किया। वह बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति का भी पदभार संभाल चुके हैं। अपने जीवन काल के दौरान वह एक मेधावी छात्र, प्रसिद्ध शिक्षक, एक बहुप्रसिद्ध लेखक और प्रसाशक भी रहे। साथ ही अपनी प्रतिभा के दम पर ही वह देश के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति बने।
आज कहानी ऐसे ही शिक्षक की
उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग के एक शिक्षक विद्यालय के बच्चों से इतने घुल मिल गए कि पिछले दिनों उनका स्थानांतरण होने के बाद बच्चे भी खुद को रोक नहीं पार और गले लिपट कर रोने लगे। बोलने लगे सर जी हमें छोड़ कर मत जाइए। यह भाविक तस्वीर फेसबुक व सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। दरअसल चकिया विकास क्षेत्र के कंपोजिट विद्यालय रतिगढ़ में पिछले 4 वर्षों से सहायक अध्यापक के रूप में नियुक्त रहे शिवेंद्र सिंह बघेल बच्चों को परिवार समझकर शिक्षा की तालिम देने में लगे रहे। मूल रूप से उन्नाव के शुक्लागंज निवासी श्री बघेल का स्थानांतरण 12 जुलाई 2018 में यहां हुआ। शुरुआती दौर में सुदूरवर्ती विद्यालय पर स्थानांतरण पाने से काफी निराश रहे लेकिन बाद में बच्चों में इस तरह घुल मिल गए की वे यहां के होकर रह गए। नियमित समय से स्कूल आना, बच्चों के साथ जमीन पर बैठकर पढ़ाना, साथ में खेलना कूदना आदत में शुमार था। जिस दिन किसी कारणवश विद्यालय नहीं आते थे, बच्चे उदास हो जाते थे। शिवेंद्र सर क्यों नहीं आए.... कब आएंगे... जैसे सवाल बच्चे दूसरे शिक्षकों से पूछते हुए बेचैन रहते थे। जैसे ही छात्रों को बच्चों को मालूम हुआ कि शिवेंद्र सर का स्थानांतरण हरदोई के लिए हो गया है। वे पूरी तरह निराश हो गए।यूं तो विद्यालय पर नियुक्त एक अन्य शिक्षक का स्थानांतरण हुआ। पर हर छात्र को शिवेंद्र सर के स्थानांतरण से उदासी छाई रही। गत् 12 जुलाई को विद्यालय में विदाई कार्यक्रम के दौरान बच्चे रोते हुए शिक्षक शिवेंद्र से लिपट गए और कहने लगे कि सर हमेंछोड़ कर मत जाइए। यह भावुक छड़ यादगार बन गया। शिक्षक भी खुद को नहीं रोक पाए और बच्चों से लिपट कर रोने लगे। हर कोई शिक्षक की तारीफ करते हुए नहीं थक रहा।।
शिवेंद्र ने हमसे बातचीत में बताया की वो एक कैंपेन शुरू कर रहे हैं जिसके अंतर्गत वो यह बताएंगे कि आप बच्चों के साथ कैसे जुड़े। उनका कहना है की ज्यादा से ज्यादा शिक्षक इसका हिस्सा बनें और यह बदलाव करके देखें