नहीं रहे कानपुर कोमोडिटी के जनक माणिक गुरू

कानपुर उद्योग जगत के पुराने नाम और कमोडिटी एक्सचेंज के जनक कहे जाने वाले पंडित माणिक चंद गौड़ उर्फ़ मानिक गुरु १०३ वर्ष की उम्र में ब्रह्मलीन हो गए। 40 के दशक में राजस्थान से आए माणिक चंद गौड़ ने मैनचेस्टर ऑफ़ नॉर्थ इंडिया कहे जाने वाले कानपुर शहर में व्यापार में अपना हाथ आजमाया जिसके बाद व्यापार जगत में उनका अच्छा बोलबाला हो गया।
60 के दशक में माणिक चंद जी ने कानपुर के पोखर पुरवा में श्री प्रकाश ऑयल मिल स्थापित करी जिसमें माणिक ब्रांड नाम का मशहूर सरसों का तेल पूर्वी उत्तर प्रदेश से लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक बाज़ार में अपना दबदबा बनाने में क़ामयाब हुआ। माणिक चंद जी, श्री गोर हरि सिंघानिया जी के साथ काफ़ी वक़्त तक दा अपर इंडिया शुगर एक्सचेंज में वरिष्ठ पद और कुर्सियां साझा करते रहे। इसके अतिरिक्त मर्चेंटस चैम्बर, द कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया के डायरेक्टर पद पर भी आसीन रहे शहर में कई बड़े लोगों को टिकट देने और दिलवाले में माणिक चंद जी का योगदान रहा इस व्यापार में पुराने खिलाड़ी होने के नाते उन्हें कानपुर नगर में कॉमेडिटी का जनक भी कहा जाता है। माणिक चंद जी कानपुर के बेहद महत्वपूर्ण व्यापारिक क्षेत्र बिरहाना रोड और नएगंज में बसे जहाँ उन्होंने अपनी तेल मिल के ऑफ़िस एवं वादा व्यापार व गिरवी गाठ का व्यापार स्थापित किया एवं बिरहाना रोड में परिवार के साथ रहने लगे। 80 के दशक में छोटे पुत्र प्रकाश गौड़ के स्वर्गवास हो जाने के बाद व्यापार की स्थितियां करवट बदलने लगी और समय माणिक चंद जी के लिए बेरहम होने लगा। लेकिन उसके बावजूद उन्होंने पूरे परिवार को मज़बूती से संभाला जवान बेटे का दुख सीने में लिए पूरी मज़बूती से बाज़ार में डटे रहे स्वाभिमान और ख़ुद्दारी से अपना व्यापार चलाते रहे।
नहीं थी कोई बीमारी - 103 वर्ष की उम्र होने के बावजूद माणिक चंद जी को किसी प्रकार की कोई बीमारी नहीं थी। जहाँ आम तौर पर छोटी उम्र में शुगर और ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों से लोग त्रस्त हैं वही माणिक चंद जी की जीवन यापन की शैली उन्हें संपूर्ण निरोगी रखती थी फलाहार और योग ने उन्हें जीवन के पूरे 103 वर्ष दिए।
माणिक गुरू का क्लास अलग था….
काफ़ी उम्र दराज़ होने के बावजूद माणिक गुरु का बाज़ार में एक अलग जलवा था वो हर हाल में विशेष थे। उनकी धोती कुर्ता सदरी और चमकते हुए जूते। उनके कुर्ते के बटन उनके चश्मे के फ़्रेम उनकी आवाज़ का करंट हर चीज़ नया गंज, नौघडा, जनरल गंज और बिरहाना रोड जैसे बाज़ारो के व्यापारियों के बीच चर्चा का विषय रहता था। माणिक चंद जी के निधन पर सभी बाज़ार के लोगों ने शोक प्रकट किया व श्रद्धांजलि दी।