कानपुर में लव मैरिज करने वाली लड़की के घर आधार कार्ड लेने पहुंचे दरोगा को घरवालों ने बंधक बनाकर पीटा

बिल्हौर में ककवन थाना क्षेत्र के हरीपुरवा गांव में रविवार की शाम एक मामले में जांच व साक्ष्य संकलन करने गए विषधन चौकी पुलिस में तैनात एक प्रशिक्षु दारोगा व सिपाही को मनमुताबिक कार्रवाई न होने से खफा परिजनों ने बातों में उलझा कर पहले आंगन में बैठाए रखा। बाद में बहाने से दरोगा को कमरे में ले जाकर बंधक बना लिया।
दरोगा के साथ गालीगलौज व मारपीट की। यही नहीं दरोगा का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। घटना के लगभग चार घंटे बाद ककवन थाने को जानकारी मिली। इसके बाद पीआरबी 112 ने पहुंचकर दरोगा को मुक्त कराया। बाद में फोर्स मौके पर पहुंची। पुलिस को देखते ही आरोपी खेतों की ओर भाग गए।
पुलिस ने एक आरोपी को हिरासत में लिया है। वहीं, घायल दरोगा को चिकित्सीय जांच के लिए भेजा गया है। ककवन थानाध्यक्ष प्रेमचंद्र ने बताया कि तीन दिसंबर को हरीपुरवा गांव के एक ग्रामीण ने पुत्री के किसी के साथ चले जाने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसकी जांच विषधन चौकी में तैनात प्रशिक्षु दरोगा गर्भित त्यागी को सौंपी गई थी।
रविवार की शाम लगभग पांच बजे दरोगा गर्भित त्यागी व सिपाही माधव हरीपुरवा गांव साक्ष्य संकलन के लिए गए थे। वहां वादी पक्ष के लोगों ने दोनों पर हमला कर दिया। दरोगा को रेनू नाम की महिला ने कमरे में बंधक बना लिया और मारपीट करने लगे। दरोगा ने वीडियो बनाने की कोशिश की तो उसका मोबाइल भी छीन लिया गया। इस बीच वहां मौजूद लोगों ने भी वीडियो बनाना शुरू कर दिया।
वीडियो बना रहे कुछ लोगों के उकसाने पर महिला ने दरोगा के कपड़े फाड़ने का प्रयास किया। दरोगा के बचाव करने पर वह गंभीर आरोप लगाने लगी। मौके से सिपाही ने भाग कर पीआरबी 112 पर जानकारी दी। इसके बाद मौके पर पुलिस के पहुंचने पर हमलावर खेतों की ओर भाग गए। मारपीट में चोटें आने के कारण अभी पीड़ित दरोगा की ओर से कोई तहरीर नहीं मिली है। बाद में दबिश देकर पुलिस पर हमला करने वाले एक आरोपी को पुलिस ने हिरासत में लिया है।
पुलिस कार्रवाई से असंतुष्ट थे वादी
ककवन एसओ प्रेमचंद्र ने बताया कि तीन दिसंबर को हरीपुरवा गांव निवासी परमेश्वर ने नाबालिग पुत्री के संदिग्ध हालात में गायब हो जाने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट दर्ज होने के पांच दिन बाद पुलिस ने उसे पकड़ा तो उसके बालिग होने व अपने एक दोस्त के साथ शादी रचाने की जानकारी मिली। बयान में भी लड़की ने अपने पति संग जाने की बात कही, जिसके बाद पुलिस ने उसे जाने दिया। आशंका है कि इसी खुन्नस में वादी पक्ष ने पुलिस पर हमला किया। वहीं, हरीपुरवा के ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने वादी पक्ष से कार्रवाई करने के लिए सुविधा शुल्क भी लिया था। लेकिन कानूनी दावपेंच के चलते लड़की को परिजनों को नहीं सौंपा जा सका था।