बलात्कारी भगोड़ा बाबा ने भारत से 16000 किलोमीटर दूर खरीदा देश 'कैलाशा'

आपने अब तक ना जाने कितने और कैसे-कैसे बाबा की कहानी सुन और देख ली. मगर इन बाबा ने जो काम कर दिखाया है उसकी कोई दूसरी मिसाल ही नहीं मिल रही. बाबा को देश की पुलिस ने क्या खदेड़ा बाबा ने सीधे एक नया देश ही खरीद लिया. जी हां, ये मजाक नहीं है. यौन शोषण के इलज़ाम से घिरे इन बाबा ने भारत से से भाग कर भारत से... करीब 16 हजार किलोमीटर दूर एक नया देश बसा लिया. इस नए देश के लिए पासपोर्ट से लेकर देश के संविधान और कानून की भी रूपरेखा तय है.
पुलिस उसे हिंदुस्तान में ढूंढ रही है. और ये वहां अपना मुल्क बनाए बैठा है. वहां का यही स्वामी है. वही राष्ट्रपिता. यही भगवान है. नाम है ए. राजशेखरन उर्फ स्वामी नित्यानंद जी महाराज. हिंदुस्तान में पुलिस और गिरफ्तारी के खौफ से अलग इसने अपने लिए यहां एक नई दुनिया बनाई है. इस दुनिया का नाम है कैलासा ये कोई आश्रम या अड्डा नहीं बल्कि अपने आप में पूरा का पूरा राष्ट्र है. दुनिया का इकलौता हिंदू राष्ट्र. इसका अपना पासपोर्ट है. अपना संविधान है. अपना अपना प्रधानमंत्री. अपनी कैबिनेट. अपनी सेना है.
हिंदुस्तान के फरार अपराधी और इस राष्ट्र के स्वामी का दावा है कि दुनिया का कोई भी हिंदू यहां की नागरिकता पा सकता है. क्योंकि जो आस्था के लुटेरा है वो यहां सनातन धर्म की रक्षक होने का दावा कर रहा है. अपनी साध्वी के साथ सेक्स टेप से दुनियाभर में मशहूर हुए स्वामी नित्यानंद ने लैटिन अमेरिकी देश इक्वॉडोर के नज़दीक एक टापू को खरीद कर उसे नया देश घोषित कर दिया है और नाम रखा है कैलासा.
इस टापू की लोकेशन क्या है. उसका नक्शा कैसा है. इसकी जानकारी या तो कैलासा के भगवान को है या इस सृष्टि के भगवान को. कैलासा के भगवान यानी नित्यानंद. बहरहाल हम यहां एक चीज़ साफ कर दें कि दुनिया के नक्शे पर आप ये जो कैलासा देख रहे हैं. वो महज़ एक प्रतीकात्मक तस्वीर है. इसका वास्तविकता से कोई लेना देना नहीं है क्योंकि जिस कैलासा राष्ट्र की बात रेप का आरोपी नित्यानंद कर रहा है वो कहां ये अभी साफ नहीं हो पाया है
दुनिया के इस इकलौता हिंदू राष्ट्र कैलासा की लोकेशन भले साफ ना हो. मगर इसके अलावा तमाम चीज़ों का खुलासा नित्यानंद ने अपनी वेबसाइट पर कर दिया है. मसलन राष्ट्रीय पशु भगवान शिव के बैल नंदी को बनाया गया है. ‘कैलासा’ का अपना पासपोर्ट है. अपना तिकोना झंडा भी है. जिसपर नित्यानंद की तस्वीर के साथ नंदी बैल दिखता है. झंडे पर नित्यानंद को भगवान शंकर के अंदाज़ में दिखाया गया है. और नंदी उसकी उपासना कर रहा है.
इसके अलावा कैलासा का राष्ट्रीय फूल कमल. राष्ट्रीय पक्षी शारबम. तो राष्ट्रीय पेड़ बरगद को रखा गया है. अर्थव्यवस्था में इनके गोल्स हैं दुनिया की इकलौती धार्मिक इकॉनमी तैयार करना. ये किस तरह की इकॉनमी होगी. इसका भी राज़ फिलहाल नित्यानंद के सीने में ही दबा हुआ है
हिंदुस्तान से नित्यानंद के हिंदू राष्ट्र की दूरी करीब 16000 किलोमीटर या उससे भी ज़्यादा हो सकती है. लैटिन अमेरिकी देश इक्वाडोर के नज़दीक कैलासा राष्ट्र की मुख्य भाषाएं अंग्रेजी, संस्कृत और तमिल हैं. कैलासा की अर्थव्यवस्था कैसे चलेगी इसका भी मॉडल तैयार किया गया है. कैलासा का एक मकसद मंदिर आधारित जीवनशैली को फिर से व्यवहार में लाना है. यानि ऐसा जीवन, जो मंदिर और इसकी गतिविधियों के इर्द-गिर्द घूमता हो.