मेरठ में छठ मैया के मंदिर चला बुलडोजर, जानिए क्या है पूरा मामला

कंकरखेड़ा के कासमपुर में नगर निगम की टीम ने जमीन कब्जा मुक्त कराने के लिए बुधवार को अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया। इस दौरान छठ मैया का मंदिर तोड़ने का आरोप नगर निगम की टीम पर लगा। गुस्साए लोगों ने निगम अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
कासमपुर पहाड़ी में नगर निगम की जमीन है। अतिक्रमण होने की शिकायत पर तीन-चार साल पहले निगम ने पैमाइश कर वहां तारबंदी कर दी थी। तारबंदी के अंदर घुसकर कुछ लोगों ने जमीन पर कब्जा कर लिया। इसकी शिकायत स्थानीय वार्ड-9 की पार्षद रेशमा सोनकर ने नगर आयुक्त से की थी। बुधवार को जमीन कब्जामुक्त कराने के लिए सहायक नगर आयुक्त शरद पाल, संपत्ति अधिकारी भोला नाथ गौतम सहित निगम की टीम और प्रवर्तन दल के साथ कासमपुर में पहुंच गए। निगम टीम ने अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया। झोपड़ी तोड़ी और जमीन कब्जा मुक्त कर दी।
बुलडोजर चलने की जानकारी लगने पर स्थानीय निवासी कृष्णमोहन सिंह, सुजय सिंह, राजू रंजन सिंह, एमएल पांडेय, पदमा सिंह, रेणु सिंह, डीके सिंह, ओमप्रकाश सिंह आदि वहां पर पहुंच गए। उन्होंने आरोप लगाया कि पांच साल पूर्व कासमपुर पहाड़ी पर पूर्वांचल छठ मैया के नाम से एक मंदिर बनाया था। जहां पर हर साल छठ मैया की पूजा की जाती है। निगम अधिकारियों की मौजूदगी में बुलडोजर से मंदिर को तोड़ दिया। स्थानीय लोगों के विरोध के बावजूद बुलडोजर को नहीं रोका गया। अतिक्रमण अभियान जारी रहा और जमीन को कब्जा मुक्त कर दिया है।
तारबंदी और पिलर लगाने के बावजूद भी नगर निगम की जमीन पर कब्जा कर लिया था। नगर आयुक्त की 90 वार्डों की सुनवाई के दौरान पार्षद रेशमा सोनकर ने जमीन पर कब्जा होने की शिकायत की थी। निगम ने अतिक्रमण हटाया है। मंदिर तोड़ने का आरोप गलत है। जो मंदिर पहले से मौजूद है, वहां पर निगम अधिकारी नहीं गए।
मंदिर टूटने की जानकारी पर मेरठ व्यापार मंडल महानगर अध्यक्ष शैंकी वर्मा कार्यकर्ताओं के साथ मौके पर पहुंचे। आरोप लगाया कि निगम के अधिकारियों को स्थानीय लोगों को इसकी जानकारी पहले देनी चाहिए थी। अगर निगम की टीम नोटिस देती तो वह अपने देवी-देवताओं को मंदिर से विधि-विधान के साथ हटा लेते।