गणतंत्र दिवस समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुआ ऑटो चालक

कानपुर कलेक्ट्रेट में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में ऑटो चालक राकेश कुमार शामिल हुए। इस दौरान उन्हें डीएम जितेंद्र सिंह के साथ बैठाया गया। इस दौरान राकेश ने डीएम से कहा कि मुझे बेहद खुशी हो रही है…मैंने सपने भी कभी नहीं सोचा था। आपसे मुझे बहुत सम्मान मिला है, मैं बहुत-बहुत आभारी हूं।
वहीं, डीएम ने ऑटो चालक से कहा कि गणतंत्र का मतलब है कि प्रशासन जनता के लिए काम करे। कई बार आवेश में कुछ गलतियां हों जाती हैं, हालांकि ऐसा होना नहीं चाहिए। बता दें कि ट्रैफिक प्रभारी ने ऑटो चालक को अपमानित किया। इसकी शिकायत ऑटो चालक ने जनता दर्शन में की थी। इस पर डीएम ने ऑटो चालक को गणतंत्र दिवस समारोह पर विशिष्ट अतिथि बना दिया था।
कानपुर कलक्ट्रेट में आयोजित जनता दर्शन में एक ऑटो चालक ने जिलाधिकारी जितेंद्र सिंह से 26 जनवरी को इच्छा मृत्यु की अनुमति देने की बात कही, तो वे हतप्रभ हो गए थे। डीएम ने कारण पूछा, तो ऑटो चालक ने बताया कि ट्रैफिक प्रभारी ने बिना वजह उन्हें मारा और अपमानित किया है। इस पर डीएम ने पुलिस कमिश्नर को मामले की जांच करने के आदेश दिए थे।
उनके पीछे मेरा ऑटो था। मैंने कई बार हॉर्न दिया, पर चालकों ने ई-रिक्शा नहीं हटाए। इसी बीच यातायात प्रभारी ईश्वर सिंह आए और उन्होंने मुझे जोर से डंडा मारा। ऑटो के पर्दे फाड़ दिए। ऑटो चालक ने कहा कि हमने आगे ई-रिक्शा खड़े होने की बात कही, तो उन्होंने गाली-गलौज की। मोबाइल से फोटो खींची और धमकी दी। मैंने ट्रैफिक पुलिस कंट्रोल रूम में शिकायत की पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
साथ ही, ऑटो चालक को गणतंत्र दिवस पर होने वाले कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि आमंत्रित करते हुए सम्मानित करने की बात कही थी। नौबस्ता क्षेत्र के हनुमंत विहार के रहने वाले ऑटो चालक राकेश कुमार सोनी ने डीएम को बताया कि 30 दिसंबर को नौबस्ता चौराहा से बारादेवी की तरफ से ऑटो लेकर जा रहा था। तभी नौबस्ता चौराहा पर कुछ ई-रिक्शा चालक सवारी भरने के चक्कर में खड़े थे।
इसलिए मुझे 26 जनवरी को फूलबाग में गांधी प्रतिमा के पास इच्छा मृत्यु की अनुमति दें। यह बात सुनकर डीएम ने चालक को समझाकर सम्मानित करने की बात कही। जिलाधिकारी ने मौके पर ही चालक से इच्छा मृत्यु का कार्यक्रम निरस्त करने का पत्र लिखवाया था। साथ ही चालक को 26 जनवरी को कलक्ट्रेट में झंडारोहण के लिए सुबह आठ बजे आमंत्रित किया था। यह आमंत्रण पत्र एसीएम चार ने चालक को उसके घर पर भेजा था।