क्या बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के खिलाफ JNU में ABVP का प्रदर्शन सही है?
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की जेएनयू इकाई ने शनिवार (30 नवंबर) को बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के विरोध में बांग्लादेशी कट्टरपंथी संगठनों का पुतला दहन किया। इस दौरान एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने बांग्लादेशी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की जोरदार मांग उठाई
एबीवीपी का कहना है कि बांग्लादेश में इस साल अगस्त में शेख हसीना को बढ़ते हिंसक प्रदर्शनों के बाद इस्तीफा देना पड़ा था, जिसके बाद उन्होंने भारत में शरण ली। इसके बाद बांग्लादेश में मुहम्मद युनूस की अंतरिम सरकार बनी। इस नई सरकार के गठन के बाद से ही अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं, के खिलाफ संगठित हिंसा का दौर शुरू हो गया
एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने छात्रों को बताया कि हाल ही में बांग्लादेश, विशेषकर चिट्टागोंग क्षेत्र में, हिंदुओं के धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया गया। इसके बावजूद बांग्लादेश सरकार और पुलिस इस्लामिक कट्टरपंथियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही, बल्कि शांतिपूर्ण विरोध करने वाले हिंदुओं पर अत्याचार कर रही है
इस अवसर पर एबीवीपी जेएनयू इकाई के अध्यक्ष राजेश्वरकांत दूबे ने कहा, “हम बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा की निंदा करते हैं। बांग्लादेश सरकार का कर्तव्य है कि वह हिंदुओं और उनके धार्मिक स्थानों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।”
वहीं, एबीवीपी जेएनयू इकाई की मंत्री शिखा स्वराज ने कहा, “भारत और बांग्लादेश के संबंध हमेशा अच्छे रहे हैं, लेकिन हाल के दिनों में बांग्लादेश में कट्टरपंथी मानसिकता बढ़ रही है, जिसका शिकार वहां के हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदाय हो रहे हैं। यह असहनीय है और हम बांग्लादेश सरकार से शीघ्र कार्रवाई की मांग करते हैं