क्या सुप्रीम कोर्ट ने संभल मामले में मस्जिद कमिटी को कानूनी विकल्पों के इस्तेमाल का मौका देने की टिप्पणी की?
संभल जामा मस्जिद सर्वे मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है, जिसमें मुस्लिम पक्ष ने याचिका दायर की थी। सुनवाई के दौरान, मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने कहा कि कोर्ट ने आदेशों की समीक्षा की है, लेकिन फिलहाल इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। उन्होंने मस्जिद कमिटी को अपने कानूनी विकल्पों के इस्तेमाल का मौका देने की बात कही, जो जिला कोर्ट या हाई कोर्ट में हो सकता है
सीजेआई ने आगे यह भी कहा कि इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में लंबित रखा जाएगा और शांति बनाए रखने की कोशिश की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिला कोर्ट इस मामले में मध्यस्थता पर विचार कर सकता है। यदि मस्जिद कमिटी सिविल जज के आदेश के खिलाफ अपील करती है, तो उसे तीन दिन के भीतर सुनवाई के लिए रखा जाए। कोर्ट ने याचिका को लंबित रखा और इसे 6 जनवरी से शुरू होने वाले सप्ताह में लिस्ट करने का आदेश दिया। इसके अलावा, ट्रायल कोर्ट को कार्रवाई से रोकते हुए कमिश्नर की रिपोर्ट को सीलबंद रखने का निर्देश दिया गया
मस्जिद प्रबंधन समिति ने अपनी याचिका में यह आरोप लगाया कि 19 नवंबर को कोर्ट में मस्जिद के हरिहर मंदिर होने का दावा करने वाली याचिका दायर की गई थी। उसी दिन, सिविल जज ने बिना मस्जिद समिति का पक्ष सुने एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त कर दिया, जिन्होंने उसी दिन सर्वे शुरू किया। याचिकाकर्ता का कहना था कि इतनी जल्दी कार्रवाई से स्थानीय लोग डर गए और हिंसा फैल गई, जिसके परिणामस्वरूप पुलिस को गोली चलानी पड़ी, जिसमें छह लोग मारे गए