युवक ने फंदे से लटककर दी थी जान, भांजी बोली- क्राइम ब्रांच की पूछताछ से थे परेशान, जाने क्या है पूरा मामला
कानपुर में रावतपुर के कच्ची मढ़ैया बस्ती निवासी युवक महेंद्र गौतम (32) ने सोमवार फंदे से लटक कर जान दे दी। महेंद्र की भांजी कोमल का आरोप है कि एक फोटो में लोगों की शिनाख्त करने के लिए क्राइम ब्रांच की टीम उन्हें बार-बार बुला रही थी। हालांकि पुलिस को मृतक के पास से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है। इसमें उसने खुद को मौत का जिम्मेदार ठहराया है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी फंदा लगाने से मौत की पुष्टि हुई है। महेंद्र गौतम वर्तमान में एक विज्ञापन कंपनी में नौकरी करने के साथ ही साइबर कैफे में भी यह पार्ट टाइम काम करता था। इससे पहले कुछ समय तक मीडिया से भी जुड़ा रहा है। भांजी कोमल गौतम ने बताया कि बीती तीन अगस्त को उनके मामा महेंद्र की फोटो नजूल की जमीन पर कब्जे के आरोपी अवनीश दीक्षित के साथ वायरल हुई थी।
फोटो में अवनीश व उसके कुछ और साथी हाथों में असलहा लिए दिखाई दे रहे थे। कोमल ने बताया कि इस फोटो के वायरल होने के बाद से क्राइम ब्रांच ने उनके मामा को कॉल कर दो बार पूछताछ के लिए बुलाया था। रविवार सुबह दस बजे भी क्राइम ब्रांच ने मामा को बुलाया था।
वह शाम को चार बजे घर वापस लौटे। इस दौरान वह काफी गुमसुम थे। सोमवार सुबह मामा ने अपने कमरे में फंदे से लटक कर जान दे दी। कोमल ने क्राइम ब्रांच पर लगातार बुलाए जाने का आरोप लगाते हुए रावतपुर थाने में तहरीर दी है। शव का पोस्टमार्टम दो डॉक्टरों के पैनल से कराया गया था।
भांजी कोमल के मुताबिक सोमवार को भी क्राइम ब्रांच ने मामा को बुलाया था। एक माह पूर्व भी जब क्राइम ब्रांच ने बुलाया था तो मामा ने डाई पी ली थी मगर परिजनों ने उन्हें बचा लिया था।
एडीसीपी क्राइम मनीष सोनकर ने बताया कि व्यस्तता के चलते रविवार को महेंद्र से पूछताछ नहीं हो सकी थी। लिहाजा महेंद्र से कहा भी था कि अब खुद आने की जरूरत नहीं है, जब बुलाया जाए तब आना। सिर्फ एक फोटो सत्यापित करानी है। इसके बाद महेंद्र निकल गया था।
सुसाइड नोट की जांच कराई जाएगी। परिजनों के आरोपों की राजपत्रित अधिकारी से जांच कराई जाएगी। जो सच्चाई सामने आएगी, उसी के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।