जिस फर्म में अवनीश की पत्नी है सहनिदेशक, उसका निदेशक बना पीएफ घोटाले का आरोपी, पढें पूरा अपडेट
कानपुर में केस्को के पीएफ घोटाले में करोड़ों की जमीन कब्जाने के प्रयास में जेल भेजे गए अवनीश दीक्षित के खासमखास जीतू उर्फ सुनील शुक्ला फंस गए हैं। पुलिस ने केस की पुनः विवेचना में जीतू उर्फ सुनील को आरोपी बनाने के साथ ही उसकी सहगर्मी से तलाश शुरू कर दी है। अफसरों का कहना है कि जल्द सुनील ने खुद को कानून के हवाले नहीं किया, तो उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट लेने के साथ ही इनाम भी घोषित करने की कार्रवाई की जाएगी।
केस्को में वर्ष 2020 में लाइन मैन और हेल्पर पद के लिए मैसर्स बालाजी इंजीनियरिंग वर्क्स फर्म ने मैन पॉवर सप्लाई किए थे। इसके बाद 235 कर्मियों के पीएफ का करीब 70 लाख रुपये का घोटाला हो गया। वर्ष 2021 में मामला उजागर हुआ, तो कर्नलगंज थाने में केस्को कर्मियों ने एफआईआर दर्ज कराई थी। इस मामले में पुलिस ने विवेचना की और मुकुल चौबे का गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था।
साथ ही मुकुल के परिवार और करीबियों समेत 22 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया था। पुलिस की इस कार्रवाई से केस्को के संविदा कर्मचारी संगठन के महामंत्री दिनेश सिंह भोले पुलिस की विवेचना व कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हुए। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को पत्र देकर मामले की पुनः विवेचना कराने की मांग की। इसके बाद एडीसीपी सेंट्रल महेश कुमार की अगुवाई में टीम ने विवेचना शुरू की।
मैसर्स बालाजी इंजीनियरिंग वर्क्स फर्म लघु उद्योग विभाग में रजिस्टर्ड है। फर्म ने बतौर गारंटी 60 लाख रुपये जाम किए थे। घोटाले में इस कंपनी का नाम सामने आने के बाद इस कंपनी को केस्को ने ब्लैक लिस्ट कर दिया था, लेकिन अवनीश के दबाव व सेटिंग के खेल से कंपनी का नाम ब्लैक लिस्ट से हटा दिया गया। इस मामले में भी पुलिस ने लघु उद्योग विभाग से सवाल जवाब करेगी।
तब सामने आया कि मैसर्स बालाजी इंजीनियरिंग वर्क्स ने मैन पॉवर सप्लाई किए थे। इस फर्म के सर्वेसर्वा जीतू उर्फ सुनील शुक्ला है। पूर्व के विवेचकों ने जीतू और फर्म के दूसरे निदेशकों को अवनीश दीक्षित के दवाब में क्लीन चिट दे थी। अब पुलिस की पुनः विवेचना में फर्म के मुख्य निदेशक जीतू उर्फ सुनील शुक्ला को नामजद किया गया है। उसे दबोचने के लिए पुलिस ने गुरुवार को उसके अशोक नगर स्थित दो घरों में दबिश दी, लेकिन वो हाथ नहीं लगा है।