< > सातवें चरण में कहां-कहां मतदान, किन उम्मीदवारों के बीच मुकाबला? सब कुछ ग्राफिक्स में देखें - PR news india , Public Route, PR news ,
चुनावचुनाव 2024देश

सातवें चरण में कहां-कहां मतदान, किन उम्मीदवारों के बीच मुकाबला? सब कुछ ग्राफिक्स में देखें

लोकसभा चुनाव के सातवें चरण में 1 जून को आठ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 57 सीटों पर मतदान होना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अभिनेत्री कंगना रनौत, टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और भोजपुरी कलाकार पवन सिंह समेत कई केंद्रीय मंत्रियों की किस्मत का फैसला इसी चरण में ईवीएम में कैद होगा। 

सातवें चरण में जिन सीटों पर मतदान होना है उनमें उत्तर प्रदेश और पंजाब की 13-13, पश्चिम बंगाल की नौ, बिहार की आठ, ओडिशा की छह, हिमाचल प्रदेश की चार और झारखंड की तीन सीटें शामिल है। इसके साथ ही चंडीगढ़ की एकमात्र सीट पर इसी चरण में मतदान होगा।

मीरजापुर

भारतीय जनता पार्टी और अपना दल (सोनेलाल) की गठबंधन की प्रत्याशी अनुप्रिया पटेल तीसरी बार उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रही है. केंद्रीय उद्योग और वाणिज्य मंत्री भी है. यहां पर इंडिया गठबंधन से सपा के प्रत्याशी राजेंद्र बिंद है. पिछली बार इनको टिकट तो मिला था पर काट दिया गया था. वहीं बसपा ने बगैर गठबंधन से मनीष त्रिपाठी को चुनाव में उतारा है. अपना दल (कैमराबादी) ने दौलत सिंह पटेल को अपना प्रत्याशी बनाया. 

सलेमपुर

बलिया जिले के बांसडीह, सिकंदरपुर, बेल्थरा रोड और देवरिया जिले का सलेमपुर, भाटपाररानी को मिलाकर बनी सलेमपुर सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है. यहां से भाजपा ने रविंद्र कुशवाहा को मैदान में उतारा है. सपा से पूर्व सांसद रमाशंकर राजभर विद्यार्थी उतरे हैं. बसपा से पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर चुनाव में उतरे हैं. कहा जाता है कि यहां राजभर और कुशवाहा वोटर्स अहम भूमिका निभाते हैं. 

बलिया 

भारतीय जनता पार्टी ने बलिया सीट से सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त का टिकट काटकर पूर्व प्रधानमंत्री वह आठ बार सांसद रहे चंद्रशेखर के बेटे नीरज शेखर को मैदान में उतारा. यहां से सांसद रह चुके हैं और वर्तमान में भाजपा के राज्यसभा सदस्य हैं. इंडिया गठबंधन ने सनातन पांडे को दोबारा टिकट दिया है. वहीं बसपा ने सेना रिटायर लल्लन यादव को मैदान में उतारा और यादव वोटरों पर सेंध मारने का प्रयास किया है. 

घोसी

यह वह सीट है जहां पर मुख्तार अंसारी का दबदबा रहता था, लेकिन इस बार यह क्षेत्र मुख्तार अंसारी के प्रभाव से कोसों दूर है. यहां पर भाजपा और एनडीए गठबंधन से ओमप्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं इंडिया गठबंधन से सपा के सचिव राजीव राय बसपा से पूर्व सांसद बालकृष्ण चौहान मैदान में है. इस क्षेत्र में राजभर, यादव, चौहान, भूमिहार, निषाद और अल्पसंख्यक वोटर एक खास भूमिका अदा करते हैं 

चंदौली 

उत्तर प्रदेश और बिहार की सीमा पर बसे चंदौली में चुनाव के समय अक्सर विकास का मुद्दा नीचे रह जाता है और जातिवाद हावी हो जाता है. 2014 और 2019 में जीत के बाद भाजपा ने एक बार फिर सांसद डॉक्टर महेंद्र नाथ पांडे पर भरोसा जताया. इंडिया गठबंधन से समाजवादी पार्टी के पूर्व मंत्री रहे वीरेंद्र सिंह मैदान में उतरे हैं. बसपा से सत्येंद्र मौर्य पीडीएम से प्रगतिशील मानव समाज पार्टी से जवाहर बार मैदान में हैं.

वैसे तो यहां यादव वोटरों की संख्या ज्यादा है, लेकिन पिछड़ी जातियों में भाजपा की पकड़ मजबूत होने के कारण यहां मुकाबला दिलचस्प होगा. 

गाजीपुर 

गाजीपुर लोकसभा सीट से भाजपा ने नया चेहरा मैदान में उतारा है, जिनका नाम है पारसनाथ राय. वही पिछली बार बसपा से सांसद रहे अफजाल अंसारी को इस बार सपा से टिकट मिला है. वहीं बसपा ने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र नेता और सुप्रीम कोर्ट के वकील डॉ उमेश कुमार सिंह पर दांव लगाया है. 

गाजीपुर लोकसभा सीट में मुस्लिम और यादव वोटरों का समीकरण 7 लाख का है और यहां पर भाजपा वोट बैंक में सेंधमारी के लिए हर दांव पेंच अपना रही है. यहां पर बीजेपी ने शिक्षक बनाम माफिया का नारा इस लोकसभा सीट से दिया जा रहा है. 

वाराणसी 

वाराणसी की धरती पर पिछले दो बार से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सांसद हैं और इस बार हैट्रिक बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने उनको फिर से चुनाव में उतारा है. 2019 में समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी शालिनी यादव को 4,79,505 मतों से पीएम मोदी ने हराया था.

इंडिया गठबंधन से कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय खड़े हैं. वाराणसी में उनकी बहुत लंबे समय से पकड़ है और पिछले तीन बार से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ ताल ठोक रहे हैं. वहीं बसपा ने पूर्व पार्षद सैयद नियाज अली को प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा है तो वहीं पीडीएम से असदुद्दीन ओवैसी और पल्लवी पटेल ने एक साथ जनसभा कर अपनी उपस्थिति का संदेश दिया.

रॉबर्ट्सगंज 

इस सीट से एनडीए की गठबंधन की ओर से अपना दल (एस) ने अपने सांसद पकौड़ी लाल कोल की बहू रिंकी सिंह कोल को मैदान में उतारा है, जो कि मीरजापुर के छानबे विधानसभा की मौजूदा विधायक हैं. कहा जा रहा है कि रिंकी सिंह एनडीए सरकार की योजनाओं के अलावा राम मंदिर और अनुच्छेद 370 के दम पर चुनाव लड़ रही हैं. वहीं छोटे लाल खरवार सपा व कांग्रेस के सहारे जोर लगा रहे हैं. 

महाराजगंज 

इस सीट से छह बार के सांसद रह चुके पंकज चौधरी एक बार फिर भाजपा से मैदान में उतरे हैं. बता दे कि केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी अब तक इस सीट से 8 बार चुनाव लड़ चुके हैं और इन्होंने दो बार हार का सामना भी किया है. कांग्रेस ने विधायक वीरेंद्र चौधरी को यहां से मैदान में उतारा. तो वहीं बसपा ने मोहम्मद मौसमे आलम को टिकट दिया है. 

गोरखपुर 

इस सीट से अभिनेता और अभिनेत्री आमने-सामने चुनाव लड़ रहे हैं. एक तरफ भाजपा ने सांसद रवि किशन शुक्ला को दूसरी बार मैदान में उतरा तो वहीं इंडिया गठबंधन की ओर से अभिनेत्री काजल निषाद चुनावी मैदान में उतरी है. गोरखपुर क्षेत्र एक ऐसा क्षेत्र है जहां मुस्लिम यादव और निषाद वोटरों की का समीकरण बनाकर चुनाव जीता जा सकता है. 

बांसगांव 

चौथी बार भाजपा ने पूर्व सांसद सुभावती पासवान के बेटे कमलेश पासवान को टिकट दिया है, जो कि पहले तीन बार सांसद बने और डबल इंजन की सरकार के विकास कार्यों के दम पर मैदान में उतरे हैं. वहीं इंडिया गठबंधन ने कांग्रेस के टिकट पर सदन प्रसाद को मैदान में उतारा है और यहां बसपा ने पूर्व आयकर आयुक्त डॉ रामसमुझ को टिकट दिया है.

कुशीनगर 

भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट से वर्तमान सांसद विजय कुमार दुबे को प्रत्याशी बनाया है. इससे पहले यहां पर राजेश पांडे 2014 में भाजपा से सांसद बने थे. वहीं समाजवादी पार्टी से सैंथवार अजय प्रताप सिंह मैदान में उतरे हैं. वही इस बीच पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी से त्रिकोणीय बनाने का प्रयास किया है.

देवरिया 

भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट से समाज सेवी शशांक मणि त्रिपाठी को प्रत्याशी बनाकर पुराने विवाद को समाप्त कर दिया. पिछले चुनाव में विवाद यह था कि किसी बाहरी व्यक्ति को लाकर चुनाव लड़ाया जा रहा था, जो इस बार नहीं है. वहीं कांग्रेस ने पूर्व विधायक अखिलेश सिंह को मैदान में उतारा है तो वहीं बसपा ने संदेश यादव को टिकट दिया है और यादव वोट बैंक में सेंधमारी का प्रयास किया.

2019 में इन 57 में से 25 सीटें भाजपा ने जीती थीं। वहीं, टीएमसी के खाते में आठ सीटें गई थीं, जबकि कांग्रेस को सात सीटों पर जीत मिली थी। पिछले चुनाव में इन 57 सीटों पर कुल 65.29% फीसदी वोट पड़े थे। सबसे ज्यादा 78.80% मतदान पश्चिम बंगाल में हुआ था। वहीं, सबसे कम 51.34% मतदान बिहार में दर्ज किया गया था।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
X Alleges Indian Govt Ordered Account Suspension | Farmers Protest | Khalistani कहने पर BJP MLA पर भड़के IPS अधिकारी | Mamata Banerjee | TMC दिल्ली के अधिकारियों को डरा रही है BJP #kejriwal Rahul Gandhi ने बोला BJP पर हमला, ‘डबल इंजन सरकार मतलब बेरोज़गारों पर डबल मार’