लॉकडाउन मन की बात पुस्तक का लोकसभा दिल्ली में हुआ विमोचन
आम जनमानस की कठिनाइयों और संघर्षों से जुड़े अनुभवों का अद्भुत संकलन है ‘लॉक डाउन मन की बात’: संयुक्त सचिव, लोकसभा

पुस्तक पर संयुक्त सचिव ने लिखी मन की बात, सौरभ और साथियों के कार्य को जमकर सराहा
नई दिल्ली/कानपुर। कोरोना काल में आम जन की कठिनाइयों और संघर्षों से जुड़े अनुभवों का अद्भुत संकलन है ‘लॉक डाउन मन की बात’ लोकतंत्र के मंदिर देश की राजधानी नई दिल्ली में भारत की लोकसभा के सचिवालय में कानपुर के वरिष्ठ पत्रकार सौरभ ओमर द्वारा संपादित पुस्तक लॉक डाउन मन की बात के विमोचन अवसर पर यह बात सचिवालय के संयुक्त सचिव राजेश रंजन कुमार ने कही। उन्होंने पुस्तक की सफलता की शुभकामनाएं दीं और सौरभ ओमर व उनके साथियों को बधाई देते हुए कहा कि पुस्तक के माध्यम से कोरोना त्रासदी और उस दौरान लगाए गए लॉक डाउन को लेकर देश भर के विद्वानजनों के विचारों को संकलित करने का रचनात्मक कार्य किया गया है। उन्होंने कहा कि लोकसभा लाइब्रेरी में भी इस पुस्तक को रखा जायेगा। यहां आने वाले विद्वान लोग भी इसे पढ़ सकेंगे।
इस अवसर पर सेंट्रल प्रेस क्लब की तरफ से सौरभ ओमर और गगन सेठी ने संयुक्त सचिव को स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया। विमोचन के उपलक्ष्य में सौरभ ओमर, ग्रंथ के सहायक संपादक गगन सेठी और सलाहकार संपादक राजेश विक्रांत का विद्वतजनों ने अभिनंदन भी किया। गौरतलब है कि सौरभ ओमर द्वारा संपादित ‘लॉकडाउन मन की बात’ कोरोनाकाल के दौरान देश विदेश के लोगों के अनुभव, संघर्ष, जिजीविषा व महामारी के खिलाफ जीतने की महागाथा है। इस अंतर्राष्ट्रीय ग्रंथ के प्रणयन के जरिए पत्रकार सौरभ ओमर ने बड़ा रचनात्मक कार्य किया है। वह पत्रकारिता कोश (लिम्का बुक रिकार्ड होल्डर/देश की प्रथम मीडिया डायरेक्टरी) के कानपुर सूचना ब्यूरो के होने के अलावा अत्यंत सक्रिय पत्रकार हैं।
उन्होंने विमोचन के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि कोरोना वायरस की रिपोर्टिंग के दौरान मैंने प्रण किया था कि हम इसके रचनात्मक पहलुओं को एक पुस्तक के रूप सामने लाएंगे। ये महामारी चीन से उभरी और मार्च 2020 तक इसने तकरीबन सारी दुनिया को अपने शिकंजे में ले लिया। उसी समय कोरोनाकाल से निपटने के लिए लॉकडाउन लगाया गया। इस लॉकडाउन के इफेक्ट पॉजिटिव व निगेटिव दोनों रहे। इसी लॉकडाउन काल में इस पुस्तक पर काम शुरू हुआ। कोरोनाकाल व लॉकडाउन पर देश- विदेश के लोगों के अनुभव, आपबीती, लेख, समाचार, रिपोर्ताज, कथा- कहानी, कविताएं, व्यंग्य आदि शामिल किए गए हैं। इसमें देश विदेश की नामचीन विभूतियों के विचार व शुभकामनाएं हैं। नई दिल्ली के चित्रकार पंकज तिवारी ने इसका कवर बनाया और कानपुर के चन्द्रलोक प्रकाशन ने इसे प्रकाशित किया है।
इस अवसर पर लोकसभा सचिवालय में प्रमुख रूप से लोकसभा सचिवालय के संयुक्त सचिव राजेश रंजन कुमार, कार्यालय के पीएस किशोर कुमार, लॉक डाउन पुस्तक के संपादक सौरभ ओमर, वरिष्ठ स्तंभकार राजेश विक्रांत, विश्व हिंदू महासमिति के राष्ट्रीय संघठन मंत्री मंगेश कनौजिया चौधरी, वरिष्ठ पत्रकार गगन सेठी, अजय पत्रकार, कार्तिक कनौजिया आदि विभूतियां उपस्थित रहीं।
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