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किसान आंदोलन: कुरुक्षेत्र में मारकंडा नदी पर किलेबंदी; कीलें, कंकरीट की दीवारें, कांटेदार तार से पुख्ता प्रबंध

किसानों की ओर से बुधवार को सुबह 11 बजे तक मांगें न माने जाने पर दिल्ली कूच की चेतावनी के बादप्रशासन भी पूरी तैयारी में आ गया है। दिल्ली-अंबाला नेशनल हाईवे पर मारकंडा नदी से पहले की गई किलेबंदी को अल्टीमेटम खत्म होने से एक दिन पहले और पुख्ता किया गया। ऐसे में किसान शंभू बार्डर पार करने में कामयाब भी रहे तो यहां से गुजरना भी आसान नहीं होगा।

नेशनल हाईवे पिछले नौ दिनों से सील है। पहले दिन से ही पुलिस व सुरक्षा बलों के जवान पूरी तरह से सतर्क हैं। किसानों को यहां से दिल्ली की ओर आगे बढ़ने से रोकने के लिए हर इंतजाम किए गए। बीच में कई दिनों तक किसान शंभू बार्डर पर ही जमे रहे, जिसके चलते प्रशासन को कुछ राहत मिली। अब बुधवार 11 बजे के अल्टीमेटम ने प्रशासन व पुलिस की धड़कनें बढ़ा दी हैं। इस पर यहां सुरक्षा व्यवस्था और अधिक पुख्ता की गई है।

किसानों को रोकने के लिए पहले कीलों की चादर बिछाई गई है तो वहीं इसके साथ ही सात-सात फीट की कंकरीट की दो दीवारें भी बनाई गई है। इसके साथ ही लोहे के बेरिकेड और कांटेदार तार भी लगाए गए हैं। यहीं नहीं इसके साथ ही रोड रोलर भी खड़े किए गए हैं तो मिटटी के ढेर भी लगाए गए।

इसके साथ ही बीएसएफ के 75 जवान, आईआरबी के 75 जवानों के अलावा हरियाणा पुलिस के भी 350 जवानों को अलर्ट रुप से तैनात किया गया है। यहीं नहीं किसानों को रोकने के लिए अन्य उपकरण भी अलर्ट रूप से रखे गए हैं। ऐसे में किसानों का यहां से आगे बढ़ना आसान नहीं होगा। किसानों की यहां पर हर गतिविधि पर नजरें रखने के लिए उच्च गुणवत्ता के दिन रात के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं।

बदले रास्तों से गुजरे वाहन, परेशानी झेलते रहे राहगीर
शाहाबाद से इन वाहनों को बराड़ा- दोसड़का से नेशनल हाईवे-73 से पंचकूला निकाला गया। उधर बड़े स्तर पर राहगीरों को आसपास के गांवों के रास्तों का भी पता चल गया और वे कच्चे रास्तों से ही निकलने लगे। कुछ वाहन गांव रामनगर से मारकंडा नदी के बीच से निकलकर शाहाबाद की तरफ निकलते रहे।

कुछ वाहन चालक अब गांव से रास्तों से अवगत हो गए, जो मारकंडा पुल के बाद जलेबी पुल से यूटर्न लेकर गांव जैनपुरा के रेलवे अंडर पास से नेशनल हाईवे पर चढ़ते रहे। नेशनल हाईवे पर एम्बुलेंस वाहनों को भी बराड़ा से दोसड़का के रस्ते पीजीआई चडीगढ़ तीन गुना सफर तय करके जाना पड़ रहा है।

उधर नलवी-ठोल और इस्माइलाबाद से आने वाले वाहन गांव गुमटी में बने मारकंडा पुल से निकलकर दयाल नगर रेलवे अंडर पास से नेशनल हाईवे पर चढ़ते नजर आ रहे है। वहीं वाहनों को मारकंडा नदी के बीच से भी निकाला जाता रहा तो गांवों के कच्चे रास्तों पर भी वाहनों की भरमार होने लगी, जिससे जाम के हालात भी बने रहे तो धूल के गुबार भी उठते रहे।

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