< > KVSY Fraud: पोर्टल का मेंटेनेंस करने वाली कंपनी पर क्राइम ब्रांच की नजर, सहारनपुर में खाते खोल निकाले गए रुपये - PR news india , Public Route, PR news ,
कानपुर नगर

KVSY Fraud: पोर्टल का मेंटेनेंस करने वाली कंपनी पर क्राइम ब्रांच की नजर, सहारनपुर में खाते खोल निकाले गए रुपये

कानपुर में उप्र भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की ओर से निर्माण श्रमिकों के लिए चलाई जा रही कन्या विवाह सहायता योजना में एक करोड़ रुपये के फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ है। शातिरों ने 29 जनवरी को केवल एक दिन में 201 अपात्रों को दो बार में 55-55 हजार रुपये भेज दिए। अपर श्रमायुक्त का दावा है कि मोबाइल फोन उनके पास ही था और ओटीपी भी शेयर नहीं किया गया है।

मामले की जांच के लिए उप्र भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड और श्रम विभाग की ओर से दो जांच कमेटियां बनाई गईं हैं। वहीं, मामले में क्राइम ब्रांच पोर्टल की मेंटीनेंस करने वाली श्री ट्रॉलस इंडिया नाम की कंपनी से पूछताछ करेगी। वहीं श्रम विभाग के उप्र भवन एवं अन्य सन्निर्माण श्रमिक कर्मकार कल्याण बोर्ड के जरिए, जो सहायता राशि अब तक आवेदकों को दी गई है।
उसकी बैंक ट्रांजेक्शन डीटेल की भी मांग की है। क्राइम ब्रांच इस बिंदु पर भी जांच कर रही है कि आखिरकार इतना बड़ा घोटाला होने के बाद भी पोर्टल की मेंटिनेंस की जिम्मेदारी सम्भालने वाली कम्पनी को एफआईआर में नामजद क्यों नहीं किया गया। अपर श्रम आयुक्त कल्पना श्रीवास्तव ने घटना को लेकर साइबर थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

डिजिटल सिग्नेचर के अनिवार्य कदम को ही स्किप कर दिया
इसमें जानकारी दी गई गई कि 25 जनवरी व 30 जनवरी को सहारनपुर में तैनात रोहित कुमार की आईडी पर 259 आवेदकों को कन्या विवाह योजना के तहत आवेदन करा दिया गया। 29 जनवरी को इनमें से 196 आवेदकों के खाते में 55-55 हजार व ज्यादातर आवेदकों के खाते में दो बार 55-55 हजार रुपए भेज दिए गए थे। घटना को अंजाम देने के लिए साइबर ठगों ने सबसे लेखाधिकारी द्वारा डिजिटल सिग्नेचर के अनिवार्य कदम को ही स्किप कर दिया था।

कंपनी को तीन लेयर सुरक्षा में सौंपा था पोर्टल
क्राइम ब्रांच अधिकारी ने बताया कि अब तक की जांच में पता चला है कि श्रम विभाग के भवन एवं अन्य सन्निर्माण श्रमिक कर्मकार कल्याण बोर्ड के पोर्टल का मेंटिनेंस का पूरा कार्य एनसीआर की कंपनी श्री ट्रॉल्स इंडिया नाम की कंपनी के द्वारा किया जा रहा है। अधिकारी के मुताबिक जांच में पता चला है कि कंपनी को तीन लेयर की सुरक्षा देकर पोर्टल को तैयार कर सौंपना था।

ट्रांजेक्शन डीटेल भी मांगी गई है
ऐसे में फंड्स ट्रांसफर करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण स्टेप (लेखाधिकारी के डिजिटल सिग्नेचर) को कैसे स्किप किया जा सका। इसे लेकर कंपनी के कर्मचारियों से पूछताछ की जाएगी। क्राइम ब्रांच अधिकारी के मुताबिक बोर्ड का अपना एकाउंट है और इससे फंड ट्रांसफर करने के लिए ट्रेजरी की मदद नहीं ली जाती। ऐसे में उनसे ट्रांजेक्शन डीटेल भी मांगी गई है।

फर्जी डिजिटल सिग्नेचर से हुई घटना
क्राइम ब्रांच अधिकारी ने बताया कि इस घटना को अंजाम सॉफ्टवेयर से बिना छेड़छाड़ और डिजिटल सिग्नेचर के बिना अंजाम देना मुमकिन नहीं है। सॉफ्टवेयर से छेड़छाड़ किस स्तर पर हुई और किसने की इसका पता लगाया जा रहा है। अधिकारी ने बताया कि इस मामले में दो अधिकारियों का फर्जी डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट (डीएससी) का इस्तेमाल किया गया है।

सहारनपुर में खाते खोल निकाले गए रुपये
क्राइम ब्रांच के अधिकारी ने बताया कि प्राथमिक जांच में जालसाजों ने सहारनपुर स्थित जन सुविधा केंद्र में एक ही दिन में रजिस्टर करके रुपये निकल लिए गए हैं। एक लाभार्थी के नाम पर एक से ज्यादा बार पेंमेंट किया गया है। पुलिस की टीम जल्द ही सहारनपुर पहुंचकर जन सुविधा केंद्र के कर्मचारियों से पूछताछ करेगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
X Alleges Indian Govt Ordered Account Suspension | Farmers Protest | Khalistani कहने पर BJP MLA पर भड़के IPS अधिकारी | Mamata Banerjee | TMC दिल्ली के अधिकारियों को डरा रही है BJP #kejriwal Rahul Gandhi ने बोला BJP पर हमला, ‘डबल इंजन सरकार मतलब बेरोज़गारों पर डबल मार’