हम हिंदू हैं… हमें आमंत्रित नहीं किया गया, पर…’, प्राण प्रतिष्ठा का न्योता न मिलने पर BRS नेता ने कही दिल की बात
रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में तकरीबन सात हजार लोगों को आमंत्रित किया गया है। राजनीतिक जगत से लेकर खेल जगत तक के नामचीन हस्तियों को 22 जनवरी के दिन रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के दौरान अयोध्या में मौजूद में मौजूद रहेंगे। प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में आमंत्रण पर राजनीति भी खूब हो रही है।
सोनिया गांधी, ममता बनर्जी सरीखे कई विपक्षी नेताओं को समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया लेकिन उन्होंने निमंत्रण को ठुकरा दिया। वहीं, भारत राष्ट्र समिति की नेता और एमएलसी के कविता ने कहा कि हमें आमंत्रित नहीं किया गया है। लेकिन श्री राम सबके भगवान हैं।
उन्होंने आगे कहा,”हम हिंदू हैं इसलिए हम एक दिन अयोध्या जरूर जाएंगे।” इससे पहले भी के कविता ने राम मंदिर उद्घाटन को लेकर खुशी जाहिर कर चुकी हैं।
कांग्रेस ने राम मंदिर उद्घाटन से बनाई दूरी
कांग्रेस ने दिग्गज नेताओं ने इस समारोह के निमंत्रण को ठुकराते हुए कहा था कि प्राण-प्रतिष्ठा समारोह बीजेपी और आरएसएस का इवेंट है। वहीं, कांग्रेस नेताओं ने कहा कि भाजपा आगामी लोकसभा चुनाव के लिए राम मंदिर को राजनीतिक मुद्दा बना रही है।
भाजपा से लड़ो भारत से मत लड़ो: आचार्य प्रमोद कृष्णम
विपक्षी नेताओं के निमंत्रण ठुकराने पर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने आगे कहा, “यह दुर्भाग्य का विषय है। राम के निमंत्रण को तो कोई ईसाई, पादरी, मुसलमान भी नहीं ठुकरा सकता। राम भारत की आत्मा हैं, राम के निमंत्रण को ठुकराने का मतलब भारतीय संस्कृति और सभ्यता का अपमान करना है, राम के निमंत्रण को ठुकराने का मतलब भारत की अस्मिता को चुनौती देना है।
उन्होंने आगे कहा कि राम के बिना ना भारत की कल्पना की जा सकता है, ना भारत के लोकतंत्र की। मैं सभी विपक्षी दलों से निवेदन करना चाहता हूं कि आप भाजपा से लड़ो राम से मत लड़ो, भाजपा से लड़ो सनातन से मत लड़ो, भाजपा से लड़ो भारत से मत लड़ो। “