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उत्तर प्रदेश

Bareilly News: नगर निगम की बैठक में उठा गृहकर और जलकर का मुद्दा, मेयर ने कहा- मैं भी रहा पीड़ित

बरेली में नगर निगम की पुनरीक्षित बजट की बैठक में जनता के मुद्दे भी गूंजे। पार्षदों से लेकर महापौर तक ने कहा कि गृहकर, जलकर के लिए एक-एक व्यक्ति के नाम की दो-दो आईडी बनी हैं। लाखों रुपये बकाया होने का नोटिस भेजा जा रहा है। पार्षद बोले कि जिन्हें नगर निगम ने एनओसी जारी की, उन्हें ही बकायेदार बताया जा रहा है। 

महापौर ने कहा कि 2017 में जब वह चुनाव लड़ने आए थे, तब उनके घर के नाम 5 हजार रुपये साल का टैक्स निर्धारित था और उसे वह नियमित भरते थे। इसके बावजूद जब एनओसी मांगी तो पहले 80 हजार, फिर आठ लाख रुपये का बकाया बताया गया। उन्होंने बकाया अदा भी किया, क्योंकि चुनाव लड़ना था। कर विभाग के अधिकारियों ने बताया कि नया सॉफ्टवेयर तैयार हो रहा है जल्द व्यवस्था सुधरेगी। इस पर कर विभाग के अफसर बोले कि अब तक 10500 केस सामने आ चुके हैं। निस्तारण कराया जा रहा है। 

पार्षदों के ये मुद्दे भी सदन में उठे

  • सीवर सफाई की मशीन आए दिन खराब रहती है। मशीनों के मेंटेनेंस के लिए निजी कंपनियों को जिम्मेदारी देने के लिए टेंडर निकाले जाने का निर्णय लिया गया।
  • गड्ढा भरने की मशीन लेकर निकलने वाले कर्मचारी दो, चार गड्ढे भरने के बाद लौट आते हैं। ऐसे में काम की प्रगति बेहद कम है।
  • सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट और डोर टू डोर सुविधा प्रक्रिया टेंडर न हो पाने से फंसी है। महापौर ने पर्यावरण अभियंता से पूछा…आखिर कब तक टेंडर की बात बताते रहेंगे। एक तिथि तो तय कीजिए। पर्यावरण अभियंता ने कहा कि दस दिन में टेंडर फाइनल करेंगे।
  • अगर स्वच्छ भारत मिशन में ठीक से काम होता तो सूरत और इंदौर की तरह बरेली भी पुरस्कार पाता। महापौर ने कहा कि …मंत्री जी हमसे पूछते हैं, बरेली को कब मिलेगा पुरस्कार? इसका जवाब देना है, इसलिए काम कीजिए।
  • पार्षदों ने कहा कि जो लोग पार्क गोद लेना चाहते हैं, उनके प्रस्तावों पर निर्णय में देरी होती है। महापौर ने कहा कि सबसे पहले पार्कों को इस लायक करें कि लोग देखरेख के लिए लेने में रुचि दिखाएं।
  • पार्षदों के सुझाव पर महापौर ने कहा कि जब तक डेटा ठीक न हो जाए तब तक जल मूल्य के नोटिस जारी न करें। जब डेटा अपडेट नहीं था तो नोटिस क्यों दिए? इस सवाल का अधिकारी जवाब नहीं दे सके।  

अलाव में क्यों डाल रहे हरी लकड़ी…जवाब नहीं दे पाए अधिकारी
पार्षदों की शिकायत पर जब महापौर ने पूछा कि अलाव में हरी लकड़ी क्यों डाल रहे, कैसे जलेगी? अफसर जवाब नहीं दे पाए। पार्षदों ने कहा कि लकड़ी कम डाली जा रही है। महापौर ने कहा कि भुगतान से पहले जांच कराएं। पार्षदों से सत्यापन के बाद ही भुगतान हो। महापौर ने यह भी पूछा कि 50 किलोग्राम के स्थान पर 30 किलोग्राम लकड़ी क्यों डाली गई? अधिकारी ने कहा कि लकड़ी टाल पर कम पड़ गई थी। महापौर ने कहा कि यह तो फर्म की जिम्मेदारी है, उस पर क्या कार्रवाई की गई? इसका भी जवाब नहीं मिला, लेकिन यह जरूर कहा कि अब प्रत्येक अलाव में 50 किलोग्राम लकड़ी ही पड़ेगी। 

महापौर उमेश गौतम ने बताया कि हम 100 करोड़ से ऊपर की सड़कों के लिए टेंडर निकाल चुके हैं। अब 30 करोड़ रुपये की सड़कों के लिए टेंडर जल्द निकलेंगे। सीलिंग की 34 हेक्टेयर जमीन पर मियावाकी तकनीक से पौधे लगाए जाएंगे। 31 मार्च तक पार्कों पर दो करोड़ और कान्हा उपवन के लिए 50 लाख रुपये की व्यवस्था की गई है। 

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